आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा बढ़ी: अब 10 दिसंबर, 2025 तक ऑडिटेड रिटर्न दाखिल किए जा सकेंगे

Saroj kanwar
3 Min Read

क्या आप एक कंपनी, साझेदारी फर्म या करदाता हैं जिनके खातों का ऑडिट होता है? आपके लिए एक अच्छी खबर है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 10 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दी है। यह महत्वपूर्ण निर्णय उद्योग संगठनों और कर विशेषज्ञों के अनुरोध पर लिया गया है।

पहले, ऐसे करदाताओं को 31 अक्टूबर तक अपना रिटर्न दाखिल करना होता था। यह विस्तार उन कंपनियों और पेशेवरों के लिए राहत की बात होगी जो हाल की प्राकृतिक आपदाओं और क्षेत्रीय व्यवधानों के कारण अपना काम समय पर पूरा नहीं कर पाए थे। इस महत्वपूर्ण घोषणा की पूरी जानकारी जानें।

ऑडिट के अधीन करदाताओं के लिए बड़ी राहत
सीबीडीटी ने आज (बुधवार) एक अधिसूचना जारी कर करदाताओं को दोहरी राहत प्रदान की। आयकर अधिनियम के तहत जिन कंपनियों, साझेदारी फर्मों और प्रोपराइटरशिप को अपने खातों का ऑडिट करवाना अनिवार्य है, उन्हें अब 31 अक्टूबर के बजाय 10 दिसंबर, 2025 तक अपना आईटीआर दाखिल करने की अनुमति है। रिटर्न के साथ-साथ ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा भी 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 नवंबर कर दी गई है। इस कदम से पूरी अनुपालन प्रक्रिया सरल हो गई है।

Income Tax Rule

सीबीडीटी ने यह निर्णय क्यों लिया
सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है। उद्योग संगठनों और कर विशेषज्ञों ने अनुरोध किया था कि सीबीडीटी इस बात पर विचार करे कि देश के कई हिस्सों में बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण परिचालन बाधित हुआ है, जिससे समय पर ऑडिट और रिटर्न दाखिल करना बेहद मुश्किल हो गया है। समय सीमा का यह विस्तार उन कंपनियों और पेशेवरों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिन्हें जटिल ऑडिट प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है।

आम करदाताओं को पहले ही राहत मिल चुकी है
गौरतलब है कि सामान्य व्यक्तिगत करदाताओं को पहले ही राहत मिल चुकी है। व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आईटीआर (आयकर रिटर्न) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उस तारीख तक 7.54 करोड़ से ज़्यादा रिटर्न दाखिल किए गए, जिनमें से 1.28 करोड़ करदाताओं ने स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान किया।

सीबीडीटी का यह फैसला उन हज़ारों कंपनियों और करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है जो ऑडिट के दायरे में हैं, क्योंकि इससे उन्हें बिना किसी जुर्माने के आराम से अपने अनुपालन को पूरा करने का मौका मिलेगा।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *