अमेरिकी वीजा महंगा हुआ: भारतीयों को अब 40,000 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं

Saroj kanwar
3 Min Read

US Visa: अक्टूबर से अमेरिकी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि होने जा रही है। ट्रंप प्रशासन 250 डालर (लगभग 22,000 रुपये) वीजा इंटीग्रिटी फीस लागू करने वाला है, जिससे अमेरिका जाने वाले भारतीयों के लिए कुल खर्च लगभग 442 डालर (करीब 40,000 रुपये) तक पहुंच जाएगा। इससे भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों और छात्रों की संख्या पर असर पड़ सकता है, जो पहले ही घटकर ढाई प्रतिशत रह गई है।

विदेशी छात्रों की संख्या में कमी अमेरिकी कॉलेजों के लिए चिंता का विषय बन रही है। ट्रंप की सख्त आप्रवासन नीतियों और अन्य देशों के प्रति कठोर रवैये के कारण अमेरिका में विदेशी छात्रों और पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है। नया शुल्क अमेरिकी यात्रा उद्योग पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जो पहले से ही चुनौतीपूर्ण स्थिति में है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में अमेरिका आने वाले विदेशी यात्रियों की संख्या साल-दर-साल 3.1 प्रतिशत घटकर 1.92 करोड़ रह गई। इस साल यह पांचवां महीना था जब अमेरिकी यात्रा में गिरावट देखी गई, जबकि उम्मीद थी कि 2025 में विदेशी यात्रियों की संख्या महामारी-पूर्व स्तर को पार कर लेगी। नए वीजा शुल्क से मेक्सिको, अर्जेंटीना, भारत, ब्राजील और चीन के यात्रियों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है।

अमेरिका के पर्यटन संगठन के अनुसार, वीजा शुल्क बढ़ने से कुल लागत दुनिया के सबसे महंगे स्तर पर पहुंच जाएगी। इससे विदेशी आगंतुकों की संख्या घटेगी और यात्रा उद्योग की आमदनी में कमी आएगी। अनुमान है कि इस साल विदेशी यात्री केवल 169 अरब डालर खर्च करेंगे, जबकि 2024 में यह 181 अरब डालर था। आने वाले बड़े आयोजन जैसे 2026 फीफा विश्व कप और 2028 लास एंजेल्स ओलंपिक पर भी इसका असर पड़ सकता है।

इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने छात्रों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान आगंतुकों और मीडिया कर्मियों के लिए 15,000 डालर बांड योजना लागू की है। यह योजना उन लोगों को नियंत्रित करने के लिए है, जो वीजा अवधि से अधिक समय तक अमेरिका में रहते हैं। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कॉलेजों पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में गिरावट के कारण अमेरिकी कॉलेजों को नए मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति देने में कठिनाई हो सकती है। कुल मिलाकर, बढ़े हुए वीजा शुल्क और सख्त नीतियों का असर अमेरिका में विदेशी छात्रों, पर्यटकों और शिक्षा संस्थानों पर गहरा पड़ सकता है।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *