अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ का भारतीय काजू निर्यात पर कोई असर नहीं, देखें आज किराना बाजार भाव

Saroj kanwar
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अमेरिका द्वारा 1 अगस्त 2025 से भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 25 प्रतिशत आयात शुल्क को लेकर देशभर में व्यापारिक जगत में हलचल है, लेकिन भारतीय काजू निर्यातक इस फैसले से खासे चिंतित नहीं हैं। उनका मानना है कि अमेरिका, भारत के लिए बड़ा बाजार नहीं है और इस टैरिफ से भारतीय काजू निर्यात पर कोई गंभीर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।

इंदौर के सियागंज थोक बाजार में काजू के वरिष्ठ व्यापारी बताते हैं कि अमेरिका में पहले से ही भारतीय काजू की भागीदारी सीमित है। वहां फ्रेश और ड्राय काजू की हिस्सेदारी केवल 0.9 प्रतिशत और प्रिजर्व काजू की लगभग 6 प्रतिशत है। ऐसे में टैरिफ बढ़ने से भारतीय काजू उद्योग को बड़ा झटका नहीं लगेगा। हालांकि, छोटे निर्यातकों को कुछ दिक्कत हो सकती है, लेकिन वे भी अन्य बाजारों की ओर रुख कर 
सकते हैं। कई थोक विक्रेताओं का कहना है कि इस फैसले से वियतनाम, इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देशों को ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि ये देश अमेरिका में काजू के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। इन पर शुल्क बढ़ने से अमेरिका में काजू की कीमतों में इजाफा होगा, जिससे वहां की खपत प्रभावित हो सकती है।

सियागंज के व्यापारियों के मुताबिक, इससे वैश्विक बाजार में काजू की कीमतों में हलचल जरूर हो सकती है, लेकिन लंबे समय में बाजार स्थिरता हासिल कर लेगा। टैरिफ के चलते अमेरीकी उपभोक्ताओं को काजू महंगा पड़ेगा, जिससे वहां आयात में गिरावट की संभावना है। इसी के चलते कुछ अफ्रीकी देश जैसे कोट डी आइवरी और बेनिन को वहां निर्यात बढ़ाने
का अवसर मिल सकता है। व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय काजू उत्पादक अब अमेरिका की बजाय पश्चिम एशिया, यूरोप और पूर्वी एशियाई देशों पर अधिक ध्यान देंगे, जहां मांग बेहतर है और लाभप्रदता भी अधिक है। साथ ही, एथनॉल उत्पादन, बेकरी उद्योग, स्टार्च निर्माण और पशु आहार के क्षेत्र में मक्के की तरह काजू के उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है, जो भारत के लिए नया अवसर पैदा कर रही है।

गौरतलब है कि अमेरिका में मई 2025 से 10 प्रतिशत आयात शुल्क पहले ही लागू हो चुका है। ऐसे में 25 प्रतिशत शुल्क वृद्धि का असर सीमित माना जा रहा है। सियागंज के व्यापारी यह भी मानते हैं कि यह मौका भारतीय काजू क्षेत्र के लिए बाजार विविधिकरण का है। यदि सरकार उचित समर्थन दे तो भारतीय काजू उत्पादक नए बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं। फिलहाल काजू के दाम स्थिर हैं और घरेलू मांग बनी हुई है।

किराना बाजार भाव

 शकर 4100 से 4125, गुड़ कटोरा 4400 से 4500,
 लड्डु 4900 से 5000,
 भेली 4000 से 4100,
 गिलास 4900 से 5200।
 हल्दी काड़ी 165 से 225 लाल गाय 256 से 268 हल्दी पाउडर 501 3050।
 खोपरा गोला 300 से 310 बक्से में 320 से 325 खोपरा बूरा 4500 मीडियम 5400 व्हील 6500 ।

साबूदाना 4300 से 4500 बेस्ट 4600 से 4800 ग्लास 6100 रायलरतन साबूदाना 1 किलो 5350 500 ग्राम 5450 लूज 4750।

 सच्चामोती (रजि.) 1 किग्रा 5200 500 ग्राम 5300 लूज 4600 सच्चामोती पोहा 1 किग्रा 5550 500 ग्राम 5650 मोरधन मोटा 6600 से 6800 बारीक 93 से 98।

 कालीमिर्च 688 से 690।

 मिनीमटर 729 से 735 मटरदाना 740 से 745 ।

जीरा भाव 215 से 240 बेस्ट 250 से 270 सौंफ मोटी 130 से 145 बेस्ट 185 से 285 एक्स्ट्रा बेस्ट 340 से 450 रुपए।

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