ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट: भारत में वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस एक अनिवार्य दस्तावेज है। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। सरकार 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करती है। पहले लर्नर लाइसेंस जारी किया जाता है, उसके बाद स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है। पहले इस प्रक्रिया में कई दिन या सप्ताह लग जाते थे, लेकिन अब यह काफी सरल हो गई है। आइए इसके बारे में और जानें।
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सरकार ने प्रक्रिया में तेजी लाई
ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को तेज करने के लिए बिहार सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है। बिहार सरकार अब ड्राइविंग टेस्ट पास करने के 24 घंटों के भीतर चिप-युक्त ड्राइविंग लाइसेंस जारी करेगी। पहले लोगों को अपना कार्ड प्राप्त करने में काफी समय लगता था, लेकिन नई प्रणाली को तेज और अधिक विश्वसनीय माना जा रहा है।
जिलों में मुद्रण प्रणाली लागू
परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है कि सभी जिलों में लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) छापने के लिए पर्याप्त सामग्री हमेशा उपलब्ध रहे। प्रत्येक जिले में कम से कम 90 दिनों के लिए कार्ड छपाई सामग्री का स्टॉक रखा जाएगा। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सरकारी आंकड़े जारी
विभाग के अनुसार, बिहार में प्रति माह लगभग 55,000 ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन प्राप्त होते हैं। इस बढ़ती मांग को देखते हुए, राज्य सरकार ने प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिया है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान इस सुविधा को लागू करने का आदेश जारी किया।
ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए दो तरीकों से आवेदन किया जा सकता है: पहला, ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से, और दूसरा, निकटतम परिवहन कार्यालय में जाकर ऑफ़लाइन प्रक्रिया पूरी करके। दोनों ही मामलों में, ड्राइविंग टेस्ट पास करना अनिवार्य है। स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस केवल टेस्ट पास करने के बाद ही जारी किया जाता है।