अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलें, किसानों ने मांगा मुआवजा और कर्ज माफी, चेताया आंदोलन का

Saroj kanwar
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Badwani News: सेंधवा में मंगलवार को किसान कांग्रेस ने रैली निकालकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने जिले में लगातार हुई अतिवृष्टि और बिना सूचना पांचपुला डैम से छोड़े गए पानी से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कर उचित मुआवजा देने, साथ ही किसानों का कर्ज माफ करने की मांग उठाई। इस दौरान किसान खराब फसलें अपने साथ लेकर आए थे।

खेती पर निर्भर किसान संकट में

किसान नेताओं ने कहा कि जिले की अधिकतर आबादी खेती और मजदूरी पर निर्भर है। पिछले पांच वर्षों से किसान मौसम की मार झेल रहे हैं। इस बार भारी बारिश और तेज हवाओं ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों ने कर्ज लेकर खाद और बीज खरीदे थे, लेकिन फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं। ऐसे हालात में उन्हें उचित दाम नहीं मिलेगा और मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ सकता है।

डैम से बिना सूचना छोड़ा पानी

किसानों का कहना है कि पांचपुला डैम के गेट अचानक खोल दिए गए। पानी छोड़ने से आसपास की जमीनों में खड़ी फसलें, मोटर पंप और पाइप बह गए। इससे किसानों को दोहरी क्षति हुई। किसान कांग्रेस ने मांग की कि प्रभावित किसानों का सर्वे तुरंत किया जाए और राहत राशि के बजाय फसल के दाम के बराबर मुआवजा दिया जाए।

फसलें खराब, गांव-गांव से शिकायतें

सेंधवा विधानसभा के जामटी, गेरूघाटी, झिरपन, निरगुड़िया, जामन्या, मोरदड़ और धनोरा के चारदड़ गांवों में सोयाबीन, मक्का और मिर्च जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। कहीं बारिश से फसलें सड़ गईं तो कहीं आंधी और तेज हवा से फसलें आड़ी हो गईं। किसानों का कहना है कि इस स्थिति का निष्पक्ष सर्वे कराकर नुकसान की भरपाई की जाए।

ऋण माफी की मांग

नेताओं ने कहा कि मध्यप्रदेश संदिग्ध दायित्व निर्धारण नियम, 1979 के अनुसार यदि आदिवासी किसान लाभ कमाने के उद्देश्य से कर्ज लेता है और समय पर चुका नहीं पाता, तो उसका ऋण आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा चुकाया जाना चाहिए। अनुच्छेद 275(1) के तहत केंद्र से मिलने वाले अनुदान से जिले के आदिवासी किसानों के खातों में राशि जमा कर उन्हें कर्जमुक्त किया जाए।

आंदोलन की चेतावनी

किसान कांग्रेस ने साफ कहा कि यदि जल्द ही सर्वे कर मुआवजा और कर्ज माफी की कार्रवाई नहीं हुई तो जिलेभर में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों की स्थिति गंभीर है, ऐसे में प्रशासन को तुरंत कदम उठाना चाहिए।

ज्ञापन सौंपा

रैली कृषि उपज मंडी परिसर से शुरू होकर एसडीएम कार्यालय पहुंची, जहां नायब तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसमें रोजगार की उपलब्धता बढ़ाने और मंडियों में फसलों का सही मूल्यांकन करने की मांग भी शामिल थी। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान इसमें मौजूद रहे।

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