Train Mileage: भारतीय रेलवे की ट्रेनों का संचालन डीजल के भारी भरकम उपयोग पर निर्भर करता है. जब एक ट्रेन का टैंक एक बार भर जाता है तो वह बड़ी दूरी तय कर सकती है, लेकिन यह दूरी कितनी होगी, इसका जवाब आपको हैरान कर सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि ट्रेन के डीजल की खपत 1 किलोमीटर में कितनी होती है.
कोचों की संख्या और डीजल की खपत
रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन ट्रेनों में 24-25 कोच होते हैं उन ट्रेनों को 1 किलोमीटर चलाने के लिए लगभग 6 लीटर डीजल की आवश्यकता होती है. यह खपत पैसेंजर ट्रेनों के लिए है जिन्हें बार-बार विभिन्न स्टेशनों पर रुकना पड़ता है जिससे उनकी डीजल खपत बढ़ जाती है.
एक्सप्रेस ट्रेनों की डीजल खपत
वहीं, अगर बात करें 12 डिब्बों वाली एक्सप्रेस ट्रेनों की, तो इन्हें 1 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए करीब 4.5 लीटर डीजल की जरूरत होती है. यह कम खपत उनके कम स्टॉपेज के कारण होती है, जिससे डीजल की बचत होती है और यात्रा की दूरी भी बढ़ जाती है.
ट्रेन का माइलेज और इसकी जटिलताएं
ट्रेन का माइलेज सीधे तौर पर बताना काफी मुश्किल है क्योंकि यह विभिन्न कारकों जैसे कि मार्ग, ट्रेन के प्रकार, और कोचों की संख्या पर निर्भर करता है. लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनें कम डीजल में अधिक दूरी तय करने में सक्षम होती हैं क्योंकि उनमें रुकावट कम होती है.
डीजल टैंक और ईंधन भरने की प्रक्रिया
ट्रेनों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए डीजल टैंक होते हैं जहां फायर-सेफ डीजल पंप की मदद से ईंधन भरा जाता है. यह प्रक्रिया सुरक्षित और कुशल होती है जिससे ट्रेनें लंबी दूरियां तय कर सकती हैं.
पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों में अंतर
पैसेंजर ट्रेनें अधिक स्टेशनों पर रुकती हैं जिससे उनकी डीजल खपत अधिक होती है, जबकि एक्सप्रेस ट्रेनें कम स्टॉप पर रुकती हैं. इसका सीधा असर उनकी डीजल खपत पर पड़ता है और वे अधिक दूरी तय कर पाती हैं.