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अब फसल नुकशान का मुआवजा किसानो के साथ मिलेगा खेत में काम करने वाले मजदूरों को भी

 

जलवायु परिवर्तन के इस दौर में बेमौसम बारिश से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। सरकार किसानों की फसल नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा राशि प्रदान कर रही है। अलग-अलग राज्य की सरकारे अपने राज्य में किसानों के द्वारा अपने द्वारा तय किए गए प्रावधानों के अनुसार मुआवजा राशि देने की घोषणा कर रही है। इस कड़ी में पंजाब सरकार की ओर से किसानों के साथ ही खेत में काम करने वाले मजदूरों को भी मुआवजा दिया जाने का फैसला कियागया है। सरकार का मानना है कि फसल नुकसान होने पर खेत में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो जाते हैं और ऐसे में किसानों के साथ खेत में काम करने वाले मजदूर को भी मुआवजा सहायता राशि मिलनी चाहिए ताकि उसे भी राहत मिल सके। 

खेत में काम करने वाले मजदूरों को भी मुआवजा दिया जाएगा


इस साल मार्च में हुई बारिश से किसानों की फसलों को बर्बाद हो गई जिससे किसानों कोलाखों रुपए का नुकसान हुआ। सरकार ने किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा की ऐसे में किसानों को मुआवजा मिल गया। लेकिन खेत में किसानों के साथ बुआई से लेकर कटाई तक के काम में उनके साथ लगे हुए मजदूरों को कहीं राहत मिल नहीं मिल पाती है। फसल खराब होने पर वह मजदूर खाली हो जाते हैं उनके पास रोजगार अभाव हो जाता है इसी बात को ध्यान में रखते पंजाब सरकार की ओर से खेतिहर मजदूरों के हित में बहुत ही अब फैसला लिया गया है इस फैसले के मुताबिक खेत में काम करने वाले मजदूरों को भी मुआवजा दिया जाएगा। 

फसल पर मुआवजा राशि का 10% उन्हें  दिया जाएगा

पंजाब सरकार ने ऐसे खेतिहर मजदूरों को 10% मुआवजा राशि देने का निर्णय किया। सरकार के इस निर्णय से राज्य के लाखों खेतिहर मजदूरों को लाभ पहुंचेगा उन्हें राहत में मिलेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फसल नुकसान होने कुल मुआवजा राशि का 10% किसान नियोजित मजदूरों को देंगे इसलिए मजदूर अपने परिवार को पेट पाल सकेंगे।खेतिहर मजदूरों को सहायता राशि दिये जाने के संबंध में पिछले दिनों पंजाब सरकार की कैबिनेट की एक बैठक हुई। मजदूरों की परेशानी को देखते हुए सभी सदस्यों ने मजदूरों को मुआवजा राशि देने के लिए जाने पर सहमति जताई। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के मुताबिक  ,खेतिहर मजदूरों को किसी भी हाल में भूखा नहीं सोने दिया जाएगा और उनके लिए व्यवस्था की गई है। अब फसल पर मुआवजा राशि का 10% उन्हें  दिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि किसी किसान को को नुकसान के लिए ₹10000 की राशि दी जाती है तो उसमें 1000 में मजदूर को दिए जाएंगे। ये वे मजदूर हैं जो किसान के खेत में उसके साथ काम करते हैं। ऐसे खेतिहर मजदूरों  का जल्द ही रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा। 


किसान को 15 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा

कृषि विभाग के अधिकारी के मुताबिक सरकार ने फसल नुकसान के लिए तीन स्लिप निर्धारित किए हैं जिसमें 20 से लेकर 32% 3375 और सेंटर से लेकर 100% के हिसाब से फसल का नुकसान का आकलन करा दिया जाएगा।  इससे पहले जिन किसानों की 20 प्रतिशत फसल खराब होती थी, उन्हें मुआवजा नहीं मिलता था, लेकिन अब सरकार ने ऐसे किसानों को भी मुआवजा दिए जाने का फैसला किया है। सरकार की घोषणा के अनुसार 76 से 100 प्रतिशत फसल नुकसान होने पर किसान को 15 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। इसमें से 9,600 रुपए राज्य सरकार ओर 5400 रुपए केंद्र सरकार की ओर से भुगतान किया जाएगा। वहीं 33 से 75 प्रतिशत के बीच फसल को नुकसान होने पर किसान को 6750 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें 4 हजार रुपए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से दिया जाएगा जो भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। शेष राशि 2750 रुपए राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। वहीं 32 प्रतिशत तक फसल नुकसान होने पर राज्य सरकार 2 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि देगी। ऐसे में उन किसानों को भी मुआवजा दिया जाएगा जिनकी फसलों को 20 से 32 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।