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इस राज्य में कपास की फसल के नुकशान की भरपाई के लिए सरकार देगी इतनी रकम ,यहां जाने कैसे करना है इसमें आवेदन

 

कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए बहुत ही राहत भरी खबर आई है। कपास में हुए नुकसान की भरपाई अब सरकार करेगी।  इसके लिए राज्य सरकार ने 1125 करोड़ की राशि कपास किसानों का बतौर  मुआवजा देने के लिए स्वीकृत की है।  इससे राज्य के हजारों लाखों किसानों को मुआवजा दिया जाएगा जिनके  कपास की फसल इस साल बारिश में गुलाबी सुंडी किट की वजह से खराब हुई है।  इस साल बहुत से किसानो की फसल बारिश में गुलाबी  सुंडी की वजह से खराब हुई। यदि बात की जाए राजस्थान की तो यहां  अधिकतर किसानों की कपास  की फसलों में 50 से लेकर 90% तक नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य मुख्यमंत्री द्वारा  अचार  संहिता लगने के एक दिन पहले जारी की गई है। धनराशि कपास किसानों के लिए संजीवनी को काम करेगी । राजस्थान में बहुत से किसान कपास की खेती करते है इस बार भी यहां किसानों ने कपास की खेती की लेकिन बारिश की अनियमितता और गुलाबी सुड़ी कीट फसल को नुकसान पहुंचा रहा है और ज्यादातर किसानों की आधी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई। ऐसी स्थिति में इन किसानों के लिए कपास की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया। इसे देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा मुआवजा राशि स्वीकृत करना किसानों के लिए किसी बड़े सहारे से कम नहीं है। 

कपास की खराब हुई फसलों के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है

बताया जा रहा है कि यहां कपास की खराब हुई फसलों के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है और जल्दी किसानों को मुआवजे भुगतान किया जाएगा। हालांकि अभी विधानसभा चुनाव के कारण राजस्थान में आचार संहिता लागू कर दी गई है। ऐसे में ना तो सरकार कोई घोषणा कर पाएगी और ना ही किसी तरह की सहायता किसी को दे पाएंगे। लेकिन चूँकि राज्य की गहलोत सरकार ने अचार संहिता से लगने से पहले मुआवजा राशि की स्वीकृति दे दी थी ऐसे में इस राशि से कपास किसानों के नुकसान की भरपाई की जा सके। यह राशि फसलों के नुकसान के लिए किसानों को एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए जारी की गई है। ऐसे में जिन किसानों की कपास की फसल को नुकसान हुआ है उनको मुआवजा दिया जाएगा। राज्य में कपास की फसल को सबसे अधिक नुकसान श्री गंगानगर ,हनुमानगढ़ जिले में हुआ इन जिलों में कपास में  गुलाबी सुंडी कीट का प्रकोप और बारिश से फसल को काफी नुकसान पहुंचा।  कई किसानों की तो कपास की पूरी की पूरी फसल तक बर्बाद हो गई ऐसे में फसल नुकसान से पीड़ित किसानों का सरकार से कपास में हुए  नुकशान के भरपाई की मांग की थी इसके लिए किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन भी किया गया। किसानो  की परेशानी को देखते हुए राज्य की गहलोत सरकार ने उन्हें राहत  पहुंचाने के लिए आचार संहिता लगने से एक दिन पूर्व ही 1125 करोड रुपए की राशि  स्वीकृत जारी कर दी ताकि किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा सके। 

किस आधार पर किसानों को मिलेगा मुआवजा/मुआवजा राशि देने के मापदंड

एसडीआरएफ नाम के तहत उनकी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा जिसकी फसलों में 33% अधिक का नुकसान है। बताया जा रहा है की अधिकांश किसानों की कपास की फसल में 50 से लेकर 90% तक नुकसान हुआ है। एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार ,किसानों को कम से कम ₹2000 अधिकतम 34000 तक का मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी इसका निर्धारण इस प्रकार से किया गया है।  जहां सिंचित क्षेत्र है वहां कपास की फसल में 33% से अधिक नुकसान हुआ है तो 17000 रुपए प्रति हेक्टेयर  की दर मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन यह मुआवजा अधिक से अधिक 2 हेक्टर तक दिया जाएगा यानी 34000 मुआवजा दिया जाएगा। उदाहरण के लिए अधिक किसी किसान ने चार एक्टर की कपास की फसल लगाई हो गई थी तो उसे केवल दो हेक्टर तक के मुआवजा दिया जाएगा क्योंकि यह  किसान  के लिए मुआवजे की अधिकतम सीमा  ३४ हजार निर्धारित की गई।  इस योजना के तहत प्रति  किसान कम  से कम ₹2000 मुआवजा दिया जाएगा। जिन किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा हो चुका है और उनका इसका क्लेम मिल चुका है ऐसी किसानों को इस योजना के तहत मुआवजा राशि नहीं दी जाएगी। 

इससे करीब 73000  किसान  प्रभावित हुए थे

एसडीआरएफ नियमों के अनुसार मुआवजा राशि वितरण किया जाएगा इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक मुआवजा दिया जाना तय किया गया है यह राशि  किसान को एक ही खाते में दी जाएगी चाहे उसकी जमीन में दो-तीन हिस्सों में हो में हो या बुवाई दो हैक्टेयर से अधिक में की हो। यानी हर हालत में किसान  को अधिकतम 34000 ही मुआवजा दिया जाएगा इससे अधिक नहीं। वहीं यदि किसानों का खाता साझा है तो मुआवजा उसी अनुसार दिया जाएगा। राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्री  गंगानगर जिले में सबसे अधिक कपास की फसल कोई नुकसान पहुंचा है। इन दोनों की ही जगह पर कपास के करीब 2  पॉइंट 56 हेक्टर फसल गुलाबी सुंडी की प्रकोप से प्रभावित हुई।  इससे करीब 73000  किसान  प्रभावित हुए थे। किसान नेताओं का दावा है की बारिश और गुलाबी सूंडी  से फसल को 50 से लेकर 90% तकतक नुकसान पहुंचा है। 

गुलाबी सूंडी या पिंक बालवर्म नाम  कीट कपास की फसल को नुकसान पहुंचाता है अधिकतर इसका प्रकोप जून  से लेकर जुलाई माह के दौरान होता है। कपास  की फसल में कीट  लग जाता है। ये किट कपास की अगेती फसल में फूल निकलते ही हमला करते हैं और फसल को खराब कर देते हैं। इसकी कीट की मादा  तितली कपास के फूल पर बैठकर अंडे देती है।60  दिनों के अंदर धीरे-धीरे कीड़ों में से अंडे  निकलने लगते है।   यह कीट जब वयस्क अवस्था में होने पर फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। एक वयस्क किट छोटा पतला होता है इसका रंग धूसर   व इसके पंख छब्बेदार  होते हैं इइसके धड़ पर स्पष्ट गुलाबी रंग की पटटियां होती है इसका लार्वा आधा इंच  तक लंबा होता है। कीट  पूरी फसल को घेरकर  कपास की क्वालिटी को खराब कर देते हैं यह कपास रेशों को चबाते हुए बीजों को अपना आहार बनाते समय शुरुआती दौर में हैं की रोकथाम उपाय करनी चाहिए।