इस राज्य की सरकार किसानो को दे रही है पानी बचाने के लिए पैसे ,यहां जाने इसकी पूरी जानकारी

खेती किसानी में पानी के प्रभाव इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए कई राज्य में 'ड्रॉप मोर क्रॉप ' स्कीम चलाई जा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कम पानी में सिंचाई करके नगदी और बागवानी फसलों से कई गुना अधिक उत्पादन मिल रहा है। देश के कई इलाकों में भूमिगत जल संकट भी एक बड़ी समस्या थी लेकिन अब सूक्ष्म सिंचाई मॉडल ने सभी चुनौतियों को दूर कर दिया है।
कृषि में सिंचाई के लिए सबसे ज्यादा निर्भरता भूमि का जल पर ही रहती है
यह सिंचाई पद्धति को अपनाना किसानों के लिए और भी सस्ता हो गया। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम लगवाने के लिए किसानों को सब्सिडी का प्रावधान किया हुआ है। इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार भी ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने और चार्जिंग बोरवेल करवाने के लिए किसानों को अनुदान दे रही है। सरकार का मानना है कि पानी बचाने का चयन करने में मदद मिलेगी इससे भूमिगत जल स्तर को भी किया जा सकता है। कृषि में सिंचाई के लिए सबसे ज्यादा निर्भरता भूमि का जल पर ही रहती है इसमें कायम रहने के लिए पानी की ज्यादा खपत वाली फसलों को हतोत्साहित किया जा रहा है।
सूक्ष्म सिंचाई मॉडल अपनाने के लिए किसानों को रिचार्जिंग बोरवेल पर अनुदान दिया जा रहा है
इसके बजाय बागवानी फसलों की खेती को प्रोत्साहन मिल रहा है ,साथ ही सूक्ष्म सिंचाई मॉडल अपनाने के लिए किसानों को रिचार्जिंग बोरवेल पर अनुदान दिया जा रहा है। हिसार में आयोजित कृषि विकास मेले में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि समय को देखते हुए हमें पानी की खपत करने की जरूरत है।इसके लिए ड्रिप सिंचाई को अपनाना होगा। किसानों के लिए सस्ता और सुविधाजनक राज्य सरकार ने किसानों को सब्सिडी दे रही है। भारत में गिरते भूजल स्तर को वापस रिकवर करने के लिए वर्षा जल संचयन को भी बढ़ावा मिल रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ही चार्जिंग बोरवेल लगाने की प्लानिंग कर रही है जिससे बारिश का पानी वापस जमीन में पहुंचाया जा सके। इस काम के लिए ₹25000 किसानों को खर्च करने होंगे बाकी का खर्च हरियाणा सरकार उठाएगी