मटका बीज उपचार विधि जिससे होगी खेती में चमत्कारिक रूप से वृद्धि ,एक्सपर्ट्स से जाने इसके बारे में सब कुछ

किसान अपनी फसल की बेहतर उपज के लिए कई तरह के रासायनिक और तकनीक इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर जब तक बीज की गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी फसल उत्पादन में अच्छा नहीं मिलेगा। किसान बुवाई के लिए पहले बीज उपचार करते हैं मगर जानकारी के अभाव के कारण किसानों को बीज उपचार सही से नहीं हो पाता है आज हम आपको कृषि विशेष्ज्ञ के के साथ मटके के माध्यम से बीज उपचार र करने की सही प्रक्रिया के बारे में बताते हैं।
कृषि विभाग के पूर्व कर्मचारी विमल कुमार सिंह चौहान का कहना है कि बीज खेती का आधार है यदि बीज गुणवत्ता उपयोगी नहीं है तो हमें गुणवत्ता युक्त अधिक उपज प्राप्त नहीं होगा यदि बीज का उपचार सही तरीके से नहीं किया जाता है तो फिर किसान उसमें कितनी ही खाद और सिंचाई कर ले तब भी उन्हें उत्पादन सही नहीं मिलेगा। यदि आप इस तकनीक के माध्यम से बीज उपचार करते हैं तो आपको 20 से 25 फ़ीसदी की अधिक उपज प्राप्त कर सकते है। वह बताते हैं कि ठीक वैसे ही जैसे जन्म के समय यदि बच्चों को समय पर टिकेना लगे तो उसे जीवन भर रोगों का खतरा रहता है ऐसे ही यह पौधों के लिए टीके के रूप में कार्य करता है जिसे बीजोपचार के नाम से जाना जाता है।
बीज के निचले स्तर पर हानिकारक फफूंदी लगी होती है। बीज की ऊपरी सतह पर बीच में भी हानिकारक फफूंद होती है जब इस बीच की बुवाई हो जाती है या जब बीज मिट्टी में जाकर नमी के संपर्क में आता है तब फफूंदी अपना काम करना शुरू कर देती है, जिससे कुछ बीज सड़ जाते हैं, तो वहीं कुछ पौधे अस्वस्थ पनपते हैं और यह फंफूदी विभिन्न भागों में आक्रमण कर रोग उत्पन्न करती है।
मटके में बीज उपचार करने की विधि-
मटके में किसान गेहूं, चना, मटर, मसूर, उड़द, मूंग आदि के बीज उपचारित कर सकते हैं।
सबसे पहले किसान एक मटका लें।
फिर उसमें एक किलो बीज डाल दें।
अब इसमें 3 कृषि रसायनों का प्रयोग किया जाता है. 2.5 थीरम प्रति किलोग्राम बीज दर के हिसाब से या फिर 2.5 ग्राम कॉर्बेंडाजिन प्रति किलोग्राम या 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किलोग्राम इसमें से किसी भी एक रसायन का इस्तेमाल बीजोपचार के लिए किया जा सकता है।
रसायन डालने के बाद मटके को किसी कपड़े से बांधना है।
अब मटके को 5-7 मिनट तक हिलाना है. पहले 3 मिनट में मटके को घड़ी की सुई की दिशा की तरफ और बाद के 3 मिनट में घड़ी की सूई की विपरीत दिशा की तरफ घुमाना है।
फिर आपको मटके में से बीजों के बजने की आवाज आने लगेगी।
ऐसा करने के बीज का एक भी दाना ऐसा नहीं बचेगा जिसमें दवा ने अपना काम ना किया हो. दवा रक्षा कवच के तौर काम करेगी।
फिर मटके से तत्काल बीज को पलट दें।
किसान ध्यान दें कि बुवाई से एक दिन पहले ही बीज को इस प्रकार से उपचारित करें।
इस प्रकार से किए बीज उपचार से बीज से फफूंदी नष्ट हो जाती है, साथ में बुवाई के बाद खेत में मौजूद हानिकारक फफूंदी भी नष्ट हो जाती है।
मटके में बीज उपचार करने की विधि
मटकी में किसान गेहूं ,चना ,मटर ,उड़द ,मूंग आदि के बीज उपचारित कर सकते हैं। विमल कुमार सिंह चौहान के दक्षिणी किसानों की खूब भा रही है उनका यह संकल्प है कि बुवाई से पहले हर एक बीज को उपचारित करना है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले विमल कुमार को कृषि अपने इस अद्भुत कार्य के लिए सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है अब वो निशुल्क कृषि मेले में जाकर एक साथ बहुत सारे किसानों को इस विधि की जानकारी दे रहे हैं।