गन्ना खेती के लिए किसानो को सरकार देगी इतनी तगड़ी सब्सिडी ,यहां जाने इस योजना के बारे में

गन्ना किसानों के लिए खुश खबर निकल कर सामने आई है। राज्य सरकार की ओर से गन्ना किसानों को सिंचाई के लिए सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें इस काम के लिए बैंक से 20% तक ब्याज फ्री लोन देने का फैसला किया गया है। यह फैसला यूपी सरकार की ओर से राज्य के गन्ना किसानों के हित में लिया गया है सरकार के इस फैसले से लाखों गन्ना किसानों को लाभ होगा उन्हें गन्ने के बेहतर उत्पादन में मदद मिलेगी। बता दें कि सरकार की ओर से गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार किसानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है ताकि गन्ना किसानों की सी खेती करने में कोई परेशानी ना आए।
लोन लगने वाले ब्याज का 20% तक भुगतान राज्य सरकार द्वारा ही किया जाएगा
यूपी में करीब 4600000 किसान है जो गन्ना के उत्पादन कार्य में सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। आज हम आपको गन्ना से जुड़ी सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में बताते हैं। गन्ने की फसल को पानी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है ऐसे में गन्ने के किसान को कम से कम पानी में अधिक उपज मिल सके। इस दिशा में काम किया जा रहा है ताकि पानी की बचत हो और उत्पादन भी अच्छा हो उसके लिए यूपी सरकार की ओर से किसानों को अपने खेत में ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को 90% तक सब्सिडी दी जा रही है यानी इस सिस्टम को लगवाने के लिए किसान को केवल 10% ही पैसा खर्च करना होगा। इसके लिए भी किसान बैंक से लोन ले सकते हैं। इस पर लोन लगने वाले ब्याज का 20% तक भुगतान राज्य सरकार द्वारा ही किया जाएगा।
प्रति किलोग्राम गन्ना उत्पादन में कितना पानी होता है खर्च
गन्ने की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में गन्ने की फसल को तीन से सात सिंचाई की जरूरत होती है। एक अनुमान के मुताबिक गन्ने की फसल के लिए 1500 से 2500 मिलीमीटर पानी चाहिए होता है। वहीं प्रति किलोग्राम उत्पादन में करीब 1500 से 3000 लीटर पानी की खर्च होता है। ज्यादातर खेतों में नहर, तालाब पोखर, नलकूप व पंपसेट से फसलों की सिंचाई की जाती है। इसमें पानी बहुत अधिक खर्च होता है, जबकि इसके स्थान पर ड्रिप सिंचाई सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे आधे पानी में ही गन्ने का बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है।
ड्रिप सिंचाई सिस्टम को टपक प्रणाली के नाम से जाना जाता है। इसमें बूंद-बूंद पानी का उपयोग फसल में उत्पादन होता है। इसमें पेड़ पौधों पर पानी बूंद बूंद करके लगाया जाता है। इससे पानी की बर्बादी बिल्कुल नहीं होती। इस तकनीकी सिस्टम का उपयोग करके किसान 50 से लेकर 70% तक पानी की बचत कर सकते हैं। इस में कम पानी में अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। यह तकनीक दूर-दूर बोई जाने वाली फसलें जैसे गन्ना ,आम ,अमरूद, पपीता और फसल के लिए अधिक फसल के लिए कारगर मानी जाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में गन्ना किसानों को 20% ब्याज भी लोन दिया जाता है। यह लोन किसानों को चीनी मिल एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। इस योजना का लाभ में 90% यदि किसानों को दिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें की उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए गन्ना विकास कोष बनाने की तैयारियां भी की जा रही है इसको उसके बनने के बाद लघु एवं सीमांत किसानों को आसानी से लोन मिल सकेगा इसके तहत गन्ना समितियों में पंजीकृत किसान को ही लोन दिया जाएगा।