टपका सिंचाई तकनीक को लेकर सरकार दे रही है इन किसानो को 85 प्रतिशत सब्सिडी ,यहां जाने पूरी खबर

भारत गन्ना दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। आंकड़े देखे प्रदेश में गन्ने की मांग भी अधिक रहती है। क्योंकि चीनी बनाने के लिए भारत में गन्ने का इस्तेमाल किया जाता है। हरियाणा के कई क्षेत्रों में गन्ने का मुख्य कारण फसल के तौर पर उगाया जाता है जिसके लिए सरकार भी किसानों को बढ़ावा देती है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार राज्य के किसानों के लिए योजनाएं लेकर आई है जिसके तहत अपका सिंचाई से गन्ने की खेती करने पर सब्सिडी दी जा रही है । साथ ही राज्य में गन्ना से एथेनेल बनाने के लिए प्लांट का कार्य भी चल रहा है।
गन्ने के खेत में जलभराव होने की फसल खराब हो जाती है
गन्ने के उत्पादन के लिए फसल में निगरानी ,उर्वरक व सिंचाई की आवश्यकता होती है। गन्ने के खेत में जलभराव होने की फसल खराब हो जाती है इसलिए कृषि विशेषज्ञ भी गन्ने की खेती में सिंचाई के लिए टपका सिंचाई करने की सलाह देते हैं। गन्ना भारत की नकदी फसलों में से एक है। टपका सिंचाई से इसकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 'प्रति बूंद अधिक फसल स्कीम' चलाई है ,जिसमें टपका सिंचाई के लिए 85 फ़ीसदी सब्सिडी राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही है।
सोलर पंप लगाने के लिए 75 फ़ीसदी की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है
इसके साथ ही वाटर टैंक बनाने के लिए 75 से 50 फ़ीसदी तक सब्सिडी ओर सोलर पंप लगाने के लिए 75 फ़ीसदी की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है यदि आप अधिक फसल स्कीम का लाभ पाना चाहते हैं अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं सिंचाई योजना को अपनाने से 50 फ़ीसदी तक पानी की बचत होती करने की उत्पादकता और गुणवत्ता में वृद्धि होती है टपका सिंचाई का उपयोग कार्य करने में पोषक तत्वों को अनुकूल का उपयोग होता है टपका सिंचाई के बाद दूसरों के लिए कम पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है