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Pitru Paksha - इन 5 रूपों में आपके घर आते हैं आपके पूर्वज, भूल कर भी न करे इनका अपमान

 

साल में हमारे पूर्वजों को समर्पित 16 दिन पितृ पक्ष कहलाए जाते हैं । ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में पूर्वज हमारे आसपास मौजूद रहते हैं और वे इस उम्मीद में धरती पर आते हैं कि उनके वंशज उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण करेंगे।मान्यता के अनुसार पितरों की शांति के लिए जब उन्हें जल चढ़ाया जाता है, तभी उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान कई बार हमारे पूर्वज कुछ घटनाओं से संकेत देते हैं कि वे हमारे पास मौजूद हैं। पितृ पक्ष में पूर्वजों मनुष्यों से लेकर कई रूपों में धरती पर आते हैं लेकिन उन्हें पहचानना मुश्किल है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में कभी भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। घर आए कौए को कभी भगाना नहीं चाहिए बल्कि कौवे को खाना देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष की अवधि के दौरान यदि कौआ आपके घर में आता है, तो यह आपके पूर्वजों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष में 15 दिनों तक पूर्वज कौवे के माध्यम से ही भोजन ग्रहण करते हैं।ऐसा माना गया है कि पितृ पक्ष के दौरान यदि कोई गरीब या भिखारी आपके दरवाजे पर आ जाता है तो उसका अपमान न करें।

इस दौरान घर से बाहर निकलते समय भी जरूरतमंद की मदद जरूर करें। अगर आप इस दौरान किसी गरीब को खाना खिलाते हैं तो वह सीधे पितरों के पास जाएगा और आपके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होगी।ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्वज कुत्तों के रूप में भी हमारे बीच आते हैं। कुत्ते को यम का दूत माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में कुत्ते को पंचबली भोग में शामिल करना जरूरी है।गाय में वैसे तो 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं, लेकिन पितृ पक्ष में पूर्वज गाय के रूप में हमारे बीच मौजूद रहते हैं।

यदि आप पितृ पक्ष में किसी गाय को रोटी खिलाते हैं तो यह पितरों की शांति के लिए सर्वोत्तम उपाय माना जाता है। पितृ पक्ष के चलते गाय की सेवा करने से घर का पितृ दोष दूर होता है। यदि पितृ पक्ष में अचानक आपके घर में चींटियां आने लगे तो समझ जाइए कि  आपके पूर्वज आपके आसपास ही मौजूद  हैं। यदि आप पितृ पक्ष की पूरी अवधि के दौरान चींटियों को आटा देते हैं, तो यह आपके जीवन में समृद्धि ला सकता है।