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भारत में डीजल ,पेट्रोल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में कौनसी कारों की है सबसे ज्यादा डिमांड ,यहां जाने पूरी खबर

 

आसमान छोर पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे प्रदूषण के चलते लोग EVs की ओर कर रहे हैं। हालांकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त न होने की वजह से इस इंजन वाली कारों को भी काफी संख्या में खरीदा जा रहा है। कम कीमत और बेहतर माइलेज की वजह से डीजल वर्तमान में वाहनों के लिए पसंदीदा फ्यूल ऑप्शन है। इस लेख में हम आपको बताते हैं कि देश की ऑटोमोबाइल मार्केट में डीजल पेट्रोल और इलेक्ट्रिक कार  में का किसका कितना शेयर  है। 

कारों  का मार्केट शेयर देश में हर साल करीब 40 लाख पैसेंजर व्हीकल खरीदे जाते हैं। जैसा कि आपको पता है कि भारत वर्तमान में चीन और  उस के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट है। इतनी बिक्री होने के बावजूद भारत अभी उस स्थिति में नहीं पहुंचा है जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को लोग  बेधड़क  खरीद सके। वहीं अगर  कर्मिशियल  वाहनों की बात करें तो इनमें व्हीकल में देश के अंदर सबसे ज्यादा डीजल इंजन को पसंद किया जा रहा है। वहीं पेट्रोल और हाइब्रिड कारों को भी काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है और उनकी खरीद भी बढ़ रही है। 

आंकड़े क्या कहते हैं 

पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में डीजल की बाजार हिस्सेदारी 2013-14 में 52% से घटकर इस वर्ष लगभग 58% रह गई है । महिंद्रा ऐंड महिंद्रा अपने पोर्टफोलियो में बड़ी SUV  होने के कारण डीजल पर काफी हद तक निर्भर रहती है। एक रिपोर्ट के अनुसार,महिंद्रा की डीजल कारें  वर्तमान में उसकी कुल बिक्री में 47% का योगदान देती है जो 2021 में 28% से अधिक है।  हुंडई अपनी बिक्री का 15.4% डीजल कारों से आने के साथ दूसरे स्थान पर है।  जबकि किया 12.7% के साथ तीसरे स्थान पर है। लग्जरी सेगमेंट में डीजल कारों की हिस्सेदारी भी 2021 में 31 फिसदी  से बढ़कर इस साल ३३फिसदी  हो गई है।मारुति देश की इकलौती कार कंपनी है, जो केवल पेट्रोल इंजन वाली कारें सेल करती है।।