टोयोटा सीखा रही है ग्रामीण बच्चो को फ्री में टेक्निकल स्किल ,जो बच्चों को आगे जॉब्स में आती है काम

टोयोटा अपनी कारों की मजबूती और रिलायबिलिटी के लिए दुनिया भर में पहचान बनाए हुए है। भारत में जब कोई टोयोटा की बात करता है तो उसकी कारों की मजबूती और रिलायबिलिटी का जिक्र जरूर आता है। यहां टोयोटा की सबसे पॉपुलर कारे , फॉर्च्यूनर और इनोवा है। इन्हें बेंगलुरु के पास बिदादी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित TKM प्लांट में तैयार किया जाता है। इनके अलावा टोयोटा की अन्य कारें भी यही बनाती है। इस प्लांट भी एक इंस्टीट्यूट भी है जिसे टोयोटा चलाती है। यह टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट है।
टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को टेक्निकल स्किल्ड बनाना है
इस टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को टेक्निकल स्किल्ड बनाना है। इसकी शुरुआत साल 2007 में हुई थी। इसमें कर्नाटक के सभी एरिया से बच्चों का सेलेक्शन किया जाता है जिन्हें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज के हिसाब टेक्निकल स्किल सिखाई जाती है। TTTI कोर्स के लिए सिलेक्ट होने वाले छात्रों की उम्र किसी भी साल 15 जुलाई से 15 से 17 साल के बीच होना अनिवार्य है। इसके साथ ही उन्हें दसवीं का एग्जाम एक बार में पास किया होना जरूरी है।
रेगुलर कोर्स 3 साल का होता है
TTTI में दो अलग-अलग प्रोग्राम रेगुलर कोर्स और कौशल्या है । रेगुलर कोर्स 3 साल का होता है। इसमें 64 बच्चे हैं। यह कोर्स 6 सेमेस्टर में बनता है। वही कौशल्या प्रोग्राम में 200 बच्चे हैं और यह 2 साल का है । हालांकि कंपनी की योजना आने वाले समय में स्टूडेंट्स में छात्रों की संख्या को बढ़ाकर 500 उसे करने की है यहां छात्रों का रहना खाना और पढ़ाई पूरी तरह से फ्री है। कोर्स के दौरान में नट बोल्ट बांधने से लेकर कार के अन्य सभी भागों से जुड़ी जानकारी हासिल करते हैं। टोयोटा इस साल कुछ बच्चों को ट्रेनिंग के लिए जापान भी भेजने की प्लानिंग कर रही है।
बच्चों की सिलेक्शन के लिए 6 अलग-अलग टेस्ट होते हैं उन्हें पास करने होते हैं। इसमें रिटन टेस्ट ,स्किल टेस्ट, फिजिकल टेस्ट ,असिस्मेंट, पर्सनल इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट एंड अटेंडेंस शामिल है। सिलेक्शन के बाद सबसे पहले बच्चों का अंग्रेजी में बोलना और लिखना सिखाया जाता है। उन्हें सभी असाइनमेंट अंग्रेजी में ही तैयार करने होते हैं इसके साथ ही डिसिप्लिन पर भी फोकस किया जाता है। ट्रेनिंग के बाद छात्रों के पास टोयोटा सहित अन्य सभी ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ काम करने का ऑप्शन रहता है। इनकी स्किल को लगातार मॉनिटर किया जाता है ,उसके आधार पर टोयोटा भी इन छात्रों को अपने प्लांट में जॉब रखने की रख लेती है। इन बच्चों की शुरुआत में 14 से 15000 रुपए मिलते हैं वही बहुत सी छात्र ने कंपनियों के साथ जुड़ जाते हैं। कुछ बच्चे देश के बाहर भी जॉब करते है। टोयोटा खुद जापान में कई बच्चों को जॉब ऑफर कर देती है।