लोन पर ले रहे है तो कार तो ये 20-10-4 का ये फार्मूला आएगा काम ,नहीं पड़ेगा लोन भारी

डिजिटल टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ अब लोन लेना ज्यादा कठिन काम नहीं रहा बड़ी संख्या में कई लोग खर्च और खरीदारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन का विकल्प चुन रहे हैं। हालांकि एक लोन की जिम्मेदारी है जिससे अगर समय पर नहीं चुकाया गया तो ये आपके लिए परेशानी भी खड़ी कर सकते हैं। ज्यादा बड़ा लोन कुछ समय बाद बोझ लगने लगता है।
कार लोन लेने से पहले डाउन पेमेंट, EMI, ब्याज और टाइम पीरियड अहम भूमिका निभाता है
ज्यादातर लोग कार खरीदने के लिए लोन लेते हैं लेकिन लोन लेते समय कुछ बातों पर ध्यान नहीं रखा गया तो यह लोन बड़ा बोझ बन जाता है। कार लोन लेने से पहले डाउन पेमेंट, EMI, ब्याज और टाइम पीरियड अहम भूमिका निभाता है। अगर आप भी एक नई कार फाइनेंस कराने की सोच रहे हैं तो यहां आपको लोन मैनेज करने का एक बेहतरीन फार्मूला बताने जा रहे हैं इसे 20-10-4 फार्मूला कहते हैं। 20-10-4 नियम के अनुसार वाहन बुक कराते समय डाउन डाउन पेमेंट के रूप में कार की ऑन रोड कीमत 20% डाउन पेमेंट करना सबसे सही रहता है।
इसके अलावा कार की ईएमआई व्यक्ति की मासिक आय के 10 परसेंट से अधिक नहीं होनी चाहिए और लोन की अवधि अधिकतम 4 साल होनी चाहिए। अगर आप इस नियम से कार फाइनेंस कराएंगे तो यह कार आपको बिल्कुल बोझ नहीं लगेगी। '
ये है फॉर्मूला का मतलब
20-10-4 नियम के अनुसार, वाहन बुक करते समय डाउन पेमेंट के रूप में कार की ऑन-रोड कीमत का 20% डाउन पेमेंट करना सबसे सही रहता है. इसके अलावा कार की EMI व्यक्ति की मासिक आय के 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए और लोन की अवधि अधिकतम चार वर्ष होनी चाहिए। अगर आप इस नियम से कार फाइनेंस कराएंगे तो यह कार लोन आपको बिल्कुल बोझ नहीं लगेगा।
मान लीजिए आपकी मंथली इनकम ₹100000 है जिसका कार को हम खरीद रहे हैं उसकी ऑन रोड कीमत 7 लाख रूपये है तो आप को कम से कम 1.4 लाख का डाउन पेमेंट देना चाहिए और EMI लगभग ₹10000 रखनी चाहिए। ऐसे में आपको चार साल के लिए 5.6 लाख रुपये का लोन लेना होगा. वर्तमान में 7.5-8% की ब्याज तर कार लोन मिल जाता है। अगर लोन की ब्याज दर 8% है तो ईएमआई करीब ₹13500 होगी। इस नियम के मुताबिक तय सीमा से 3500 ज्यादा है ऐसे में या तो आपको डाउन पेमेंट करना होगा या कार की कीमत ₹7 लाख से कम होनी चाहिए नहीं तो आपको कुछ आर्थिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।