कम्पनियाँ कॉस्ट कटिंग के बहाने बनाकर इन फीचर्स को कर देती है गाड़ियों से गायब , यहां जाने इनके बारे में

लगातार बढ़ रहे कंपटीशन के बीच का निर्माता कंपनियों के सामने अपने ग्राहकों को सस्ते दाम में अच्छी कार उपलब्ध कराने की चुनौती रहती है। ऐसे कार कंपनियां विभिन्न उपयोग करती है।आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे है। जाने यह कार कंपनी किस तरह से प्राइस कट करने के लिए जरूरी फीचर्स को कटौती कर लेती है। इनमें से कुछ फीचर्स तो बहुत ही उपयोगी होते हैं।
इंटीग्रेटेड हेडरेस्ट
कारों में दिए जाने वाले इंटीग्रेटेड हेडरेस्ट कास्ट कटिंग का सबसे बड़ा उदाहरण है। हालांकि इंटीग्रेटेड हेडरेस्ट स्पोर्टी दिख सकते हैं। लेकिन यह व्यवहारिक रूप से उपयोगी नहीं साबित होते हैं। लेकिन कंपनियां कम लागत होने की वजह से इन्हे किफ़ायरी कारों में उपयोग करती है ।
अंडरसाइज्ड टायर
ज्यादातर कार निर्माता अपने लोअर वेरिएंट्स के छोटे टायर्स और भी इसके साथ पेश करते हैं। यह छोटे टायर और पहिये ना केवल सस्ते दिखते हैं बल्कि वे वाहन की गतिशीलता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। यह भी कोस्ट कटिंग का हिस्सा है।
रियर वाइपर
कई कार निर्माता कंपनियां बेस की बजाय टॉप वेरियंट में भी रियर वाइपर और और वॉशर तक नहीं दे रहे हैं। लम्बी ड्राइव और बरसात की स्थिति के दौरान यह जरूरी पिक्चर है कार में रियर वाइपर और वॉशर ना देने का उद्देश्य सीधा कॉस्ट कटिंग की ओर इशारा करता है।
आउटडेटेड गियर बॉक्स
यदि वर्ष 2023 की भी एक नई कार में फॉर स्पीड ऑटोमेटिक गियर बॉक्स के साथ आती है तो इसका मतलब है कि कंपनी ने कार के लिए एक नया गियर बॉक्स विकसित करने की जहमत नहीं उठाई है। cost-cutting के नाम पर यह सबसे आउटडेटेड फीचर है।
साधारण स्पेयर की
यदि कार की प्राइमरी की काम नहीं कर रही है तो एक साधारण स्पेयर की का होना बहुत कष्टप्रद हो सकता है। कंपनियां सेमीकंडटर जैसो तमाम कंपोनेंट की लागत बचाने के लिए कार में ऐसी कटौती करती हैं।