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सड़क पर की जाने वाली ये छोटी सी गलती ले सकती है आपकी जान ,नजरअंदाज करने से पहले यहां जाने

 

लगातार बढ़ रही गाड़ियों की बिक्री के साथ-साथ देश की सड़कों पर फर्राटा भर रहे वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अबाध गति से  फरार्टा भर  रहे वाहनों के ऊपर छोटी सी लापरवाही की वजह से दुर्घटना की शिकार हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को जानमाल की क्षति झेलनी पड़ जाती है। अपनी रोजमर्रा की यात्रा में हमें कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।  इसको लेकर शासन-प्रशासन भी लोगों को नियमित रूप से पाठ पढ़ाता  रहता है। इतनी जानकारी और तकनीकी विकास के बावजूद भी देश की सड़कों पर जाने की लापरवाही चिंता का विषय है।  आज हम आपको बताते हैं कि सड़क पर चलते समय कौन सी गलतियां हैं जिनको जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। 

 गलत दिशा में ड्राइविंग 

अमूमन लोग थोड़ा सा समय बचाने के चक्कर में अपनी जान की बाजी लगाते हुए  वाहन तो गलत दिशा में ड्राइव करते हैं। ऐसे में विशाल वाहन टकराने का खतरा रहता है। आए दिन देश की सड़कों पर दुर्घटना होती रहती है उनकी वजह से तमाम निर्दोषों की जान चली जाती है। गलत दिशा में वाहनों के लिए उससे कहीं ज्यादा उन सभी वाहनों के लिए खतरा पैदा करता है तो सही दिशा में आ रहे होते है।  टक्कर होने पर सही दिशा में चल रहे वाहनों को बिना किसी गलती कीक्षति झेलने पड़ जाती है।  इसको लेकर ट्रैफिक नियम भी काफी शख्त  हैं लेकिन लोग मौका पाते ही अपनी इस आदत को दोहराने से नहीं  बच पाते  हैं और कई बारी छोटी गलती जल्दी बाजी में बड़े एक्सीडेंट में तब्दील हो जाती है । 

बिना हेलमेट राइडिंग 

ट्रक, बस और कारों से भरी शहर की सड़कों पर बाइक की सवारी करना काफी कठिन हो चुका है। एक तरफ दोपहिया राइडर्स को सर्दी गर्मी और बरसात के रूप में मौसम की मार झेलनी पड़ती है । वहीं दूसरी और ट्रैफिक राइडर करते-करते अपने आप को असुरक्षित  महसूस करते हैं। अक्सर देखने को मिलता है कि बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर बिना हेलमेट के राइड  करते हैं। यह सुनना थोड़ा कड़वा तो लग सकता है। लेकिन आज के समय में यह सच है कि बिना हेलमेट के बाइक चलाने का मतलब जान हथेली पर लेकर चलना है। 

डराते हैं सड़क दुर्घटना के आंकड़े


हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि भारत हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं का गवाह बनता है, जिसमें दो लाख मौतें शामिल हैं। इन हादसों में तीन लाख लोगों के पैर और हाथ टूट जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन सड़क दुर्घटनाओं की वजह से देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में तीन प्रतिशत का नुकसान होता है।