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साईकिल चलानी नहीं आती फिर भी ऐसे सीखे केवल 4 ही दिन में सीखे स्कूटी

 

बाइक और स्कूटी आज हर घर की जरूरत बन गई है। आम तौर पर लोग बचपन से ही दो पहिया वाहन चलाना सीख लेते हैं। जिन लोगों ने साइकिल चलाई है उन लोगों के लिए बाइक  के स्कूटी चलाना मुश्किल काम नहीं होता। हाँ ,जिन्हे  साइकिल चलानी नहीं आती उन्हें ड्राइविंग सीखने से भी कुछ ज्यादा समय लगता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आप कुछ ही दिनों में परफेक्‍ट ड्राइवर बन जाएं, तो आपको कुछ वार्मअप या प्रेक्टिस शुरुआती 4-5 दिनों तक करनी होगी. ये प्रैक्टिस चालू नहीं बल्कि बंद स्‍कूटी के साथ करनी है। 

सीधे ही टू व्हीलर चलाना  वाले लोगों के लिए शुरुआत में उसे बैलेंस कर पाना और उसके वजन को संभालना टेढ़ी खीर होती। आज हम आपको कुछ ऐसे स्टेप्स बताएंगे  जिनकी प्रैक्टिस आपने चार-पांच दिन कर ले तो  आप के हैंडल संभालने , बैलेंस करने और गाड़ी को कहीं भी और कभी भी रोकने में जरा भी दिक्कत नहीं होगी ,इससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा  और आप कुछ ही दिनों में फर्राटे से स्कूटर बाइक दौड़ आने लगेंगे। 

 स्टैंड से उतारे और चढ़ाये 

 सबसे पहले आपको यह पता लगाना होगा कि आपकी स्कूटी का वजन उठा पाते हैं या नहीं। होता यह है कि कुछ लोग जैसे ही चालू करके स्कूटी स्टैंड से उतारते हैं गिर जाती है। आप को बंद स्कूटी को स्टैंड से हटाना है और उसे हैंडल से पकड़ कर सीधा करना है। इसे काम शुरुआत की 4 दिन कई बार करना है ऐसा करने से आपको यह पता चल जाएगा कि स्कूटी का वजन संभाल पाएगा। यही नहीं थोड़ी प्रैक्टिस के बाद आप आराम से स्कूटी को संभालने लगेंगे। 

पैदल चलाएं 

 दूसरा काम आपको यह करना है कि बंद स्कूटी को हैंडल पकड़कर कुछ देर तक चलाएं। ऐसा करने से आप हैंडल के साथ फेमिलियर  होगी ही साथ ही स्कूटी को बैलेंस करने की भी आदत भी आपको हो जाएगी। पैदल चलाते वक्त भी स्कूटी आपसे डोलेगी।  आपको यह मालूम हो जाएगा कि आप इसे जब चालू करके चलाएंगे तो हैंडल में क्या-क्या दिक्कत आएगी। 

ऊपर बैठकर पैरों से धकेलें

 तीसरी प्रैक्टिस जो आपको बंद स्कूटी के साथ करनी है।  वह स्कूटी पर बैठकर उससे पैरों से धकेलना है।  स्कूटी पर बैठ जाए उसे पैर नीचे रखकर आगे की ओर देखे ले ऐसा करने से आपको स्कूटी का बैलेंस करने और हैंडल संभालने में मदद मिलेगी। 4 दिन  तक इसकी प्रेक्टिस  रोज करें लो। 

दोनों तरफ झुकाएं

नौसिखिये स्कूटी ड्राइवर को जब अचानक  कहीं ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोक नहीं पड़ जाते है तो कहीं बारिश  तो  रुक जाती है लेकिन एक तरफ झुक कर गिर जाती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ड्राइवर को अपने पैरों पर स्कूटी का वजन झेलने की आदत नहीं होती। स्कूटी को पैर पर रखकर खड़ा रखना सीखने के लिए स्कूटी पर बैठकर उसे दाएं और बाएं झुकाना चाहिए। इससे आपके पैरों का स्कूटी का वजन सहने की आदत तो पड़ेगी ही स्थिति को बेहतर तरीके से बैलेंस करना भी अब सीख जाएंगे। 

चलाना और रोकना

ऊपर बताए गए स्‍टेप्‍स को 2 दिन करने के बाद ही आपको स्‍कूटी को स्‍टार्ट करना है. एकदम से उसे आगे नहीं बढ़ाना है।  स्‍कूटी को धीरे-धीरे एक्सिलेटर को घुमाकर आगे बढ़ाएं. कुछ कदम चलते ही ब्रेक लगाकर रोक लें। दोनों पैरों को ऊपर न उठाएं।  अब फिर स्‍कूटी बढ़ाएं और रोक लें।  इस क्रिया को कई बार दोहराएं. कम से कम दो दिन इस प्रैक्टिस को जमकर करें। जब आपको लगे की आप सही ढंग से गाड़ी चला और रोक पा रहे हैं, तब चलने की दूरी धीरे-धीरे बढ़ाएं और पैर भी ऊपर रखने शुरू करें। इस प्रैक्टिस से आपको न केवल गाड़ी आगे बढ़ाना बल्कि सही ढंग से ब्रेक लगाना भी आ जाएगा।  जो कि आपकी सुरक्षा के लिहाज के लिए बहुत जरूरी है।