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इस दिन है पापमोचनी एकादशी ,यहां जाने व्रत की पूजा विधि और महूर्त

 

मान्यता अनुसार पापमोचनी एकादशी प्रतिवर्ष चैत्र मास की कृष्ण पक्ष में पड़ती  है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। माना जाता है कि पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने पर मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके चलते भक्त  दिन पूरे मन और श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की आराधना में लीन रहते हैं आज हम आपको बताते हैं कि पापमोचनी एकादशी की क्या तिथि है और किस दिन पूजा संपन्न की जा सकती है। 

17 मार्च रात 2:06 पर एकादशी तिथि शुरू होगी

 हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आने वाली 17 मार्च के दिन एकादशी तिथि का प्रारंभ हो रहा है। 17 मार्च रात 2:06 पर एकादशी तिथि शुरू होगी और इसका समापन 18 मार्च को सुबह 11:13 पर हो जाएगा। इसके चलते पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च के दिन रखा जाएगा। व्रत के पारण की बात करें तो पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण 19 मार्च की सुबह 6:27 से 8:07 तक कर सकते हैं। 

पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है

पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है इसके लिए सुबह सवेरे उठकर स्नान किया जाता है इसके बाद भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं और भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत की शुरूआत करते हैं। पाप मोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की मूर्ति को गंगाजल से अभिषेक करवाएं ,इसके बाद मान्यता अनुसार भगवान विष्णु तुलसी के पत्ते और पुष्प आदि अर्पित करें इसके बाद भगवान विष्णु की पूरी श्रद्धा भाव के साथ आरती करें आरती के बाद बारी आती है भोग लगाने की एकादशी व्रत के भोग में भगवान विष्णु के साथ ही चीजों का भोग लगाया जाता है। वह तुलसी के पत्ते होने अनिवार्य माने जाते हैं। कहते हैं कि यदि वह तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु ग्रहण नहीं करते इस व्रत का फल जातक को नहीं मिलता है।