हिंदी पंचांग के चैत्र महीने से शुरू होता है हिन्दुओ का नया साल ,यहां जाने इस महीने की सबसे खास बाते

हिंदी पंचांग का पहला महीना चैत्र शुरू हो गया है इस महीने में शीतला सप्तमी ,अष्टमी ,चेत्र नवरात्रि ,गुड़ी पड़वा जैसे बड़े त्यौहार मनाए जाते हैं। मान्यता है कि इसी महीने में ब्रह्मा जी ने शुक्ल प्रतिपदा से सृष्टि की रचना शुरू की थी आज हम आपको इस महीने से जुड़ी कुछ बातें बताते हैं।
चैत्र महीने से हिंदी पंचांग का नव वर्ष शुरु होता है। 21 मार्च को चैत्र अमावस्या पर 2079 खत्म होगा और 22 तारीख से संवत् 2080 शुरू हो जाएगा।
चैत्र में गणेश जी के लिए व्रत उपवास करने से पहले चतुर्थी 10 मार्च को दूसरी 25 मार्च को रहेगी।
22 मार्च को से चैत्र मास की नवरात्रि शुरू हो रही है इस दिन गुड़ी पड़वा और नव संवत 2080 शुरू हो जाएगा। इस बार तिथियों की गड़बड़ नहीं होने से नवरात्रि पूरे 9 दिन की रहेगी।
इस महीने की पूर्णिमा तिथि पर चित्रा नक्षत्र रहता है इसी वजह से हिंदी पंचांग के पहले महीने का नाम चैत्र पड़ा है चार युगों में पहले सतयुग की शुरुआत चेत्र से ही मानी गई है इस महीने में भगवान विष्णु ने पहला अवतार मत्स्य के रूप में लिया था। मत्स्य अवतार ने सृष्टि की सभी प्राणियों को राजा मनु सप्त ऋषियों सभी वेदों को जल प्रलय से बचाया था।
चैत्र मास से शीत ऋतु खत्म हो जाती है और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है। इस वजह से चैत्र माह से खान-पान और जीवन शैली में बदलाव कर लेना चाहिए। ऐसी चीजें खानी चाहिए, जो आसानी से पच जाती हैं। शरीर में पानी की कमी न हो, इस बात का ध्यान रखना चाहिए।