15 मई को है संक्रांति पर्व ,यहां जाने किस रूप में सूर्य की पूजा करने से मिलेगा अपार धन और सुख सौभाग्य

15 मई ज्येष्ठ महीने सक्रांति पर्व सोमवार को है। इस दिन सुबह 11:58 पर सूर्य अपनी उच्च राशि को छोड़कर वृष राशि में आ जाएगा।इसलिए ये संक्रांति पर्व रहेगा। इस पर्व पर सुबह जल्दी तीर्थ स्नान कर उगते सूरज को जल चढ़ाया जाएगा। फिर दिन में जरुरतमंद लोगों को भोजन, जल और कपड़ों का दान दिया जाएगा। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा के तीर्थ स्थान और दान के लिए पुण्य काल सूर्योदय से शुरू हो जाएगा यानि ये सुबह 6:05 से 11:58 तक रहेगा।
सक्रांति पर किए गए सब काम उनका कई गुना पुण्य फल मिलता है
इस तरह स्नान दान के लिए करीब 6 घंटे का शुभ समय मिलेगा। इस मौके पर भगवान सूर्य की विशेष पूजा करने का विधान है । सक्रांति पर किए गए सब काम उनका कई गुना पुण्य फल मिलता है जो कभी खत्म नहीं होता। 15 मई सोमवार को सूरज उगने से पहले उठने के बाद तीर्थ के जल से नहाए और फिर सूर्य को जल चढ़ाएं।
तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें
इसके लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें। लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें चावल ,लाल चंदन ,लाल फूल डालकर सूर्य को जल चढ़ाने के बाद श्रद्धा अनुसार दान का संकल्प लेना चाहिए और फिर दान करना चाहिए। अग्नि पुराण का कहना है कि जेष्ठ मास के दौरान जब सूर्य वृष राशि में आता है तो उसे गभस्तिक रूप में की पूजा की जानी चाहिए। ये कपिलवर्ण के होते हैं यही नहीं जो हल्के पीले और चमकीली तांबे के रंग जैसे हो या फिर उगते हुए सूरज को भी इसी रूप में पूज सकते हैं। इनकी शक्ति महा काली होती है। इसलिए कहा गया है कि गभस्तिक सूर्य को जल चढ़ाने और पूजने से दुश्मनों पर जीत मिलती है और हर तरह की परेशानियां खत्म होती है।