Karwa Chauth 2023 :करवा चौथ पर केवल दूध से क्यों नहीं दिया जाता चाँद को अध्र्य ,यहां जाने पानी मिले दूध का अध्र्य करने का महत्व

करवा चौथ के त्यौहार को लेकर सुहागिन महिलाएं बहुत एक्साइटेड रहती है। इस बार यह 1 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाये निर्जला व्रत करती है। पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती है और शाम को जब चांद दिखता है तो उसे अध्र्य देने के बाद भी अपने पति के हाथ से अपना व्रत पूरा करती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा को अध्र्य यह देने का सही तरीका क्या है ,हम आपको बताते हैं।
करवा चौथ पर चंद्रमा को अध्र्य देने के नियम
शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ की पूजा तब पूरी मानी जाती है जब चंद्रमा को सही तरीके से अध्र्य दिया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि चंद्रमा मन का कारक ग्रह ऐसे में करवा चौथ व्रत चंद्रमा को अध्र्य देने से पहले विधि विधान से महिलाएं चांद की पूजा करती है और फिर चंद्रमा को अध्र्य देकर चलनी से उसे देखकर फिर अपने पति की शक्ल को देखते हैं। इसके बाद पतिदेव अपने हाथ से करवे में रखा हुआ अपनी पत्नी को पानी पिलाकर उनके व्रत को पूरा करवाते हैं।
करवा चौथ पर दूध और पानी को मिक्स करके इसे चंद्रमा को अध्र्य दिया जाता है। कहते हैं चंद्रमा का संबंध दूध और चांदी से होता है। ऐसे में जब भी किसी राशि में चंद्रमा कमजोर होता है तो उन्हें दूध अर्पित करने की सलाह दी जाती है। लेकिन सादा दूध चंद्रमा को चढ़ाने से यह सीधा जमीन पर जाकर गिरता है जो अशुभ होता है। ऐसे में करवा चौथ के दिन भी दूध में पानी मिलाकरअध्र्य जाता है तो इसे शुभ संकेत मिलते हैं। इतना ही नहींअध्र्य देने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग ही करना चाहिए। तांबा धातु पूजा पाठ के लिहाज से बहुत ही शुभ मानी जाती है। आप इसका उपयोग चंद्रमा को अध्र्य देने के लिए कर सकते हैं या फिर मिट्टी के करवे का उपयोग कर सकते हैं।