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इन तीन शुभ योगो में शुरू हो रही है इस बार जगन्नाथ यात्रा ,यहां जाने यात्रा के पूरी जानकारी

 

हर साल आषाढ़ मास से भगवान जगन्नाथ की यात्रा की यात्रा निकाली जाती है। यह परंपरा सैकड़ों सालों से लगातार चली आ रही है। इस यात्रा की प्रसिद्ध विदेशों तक फैली हुई है। यही कारण है कि विदेश से लोग इसे देखने आते हैं। रथ यात्रा के दौरान अनेक परंपराओं का पालन किया जाता है इस बारे में जानकर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं आगे जानिए इस बार भगवान जगन्नाथ की यात्रा कब शुरू होगी और इससे जुड़ी खास बातें। 

आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है

भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है और दशमी तिथि पर इनका समापन होता है। इस बार रथ यात्रा का प्रारंभ 20 जून मंगलवार से होगा समापन 28 जून बुधवार को होगा। आप रथ यात्रा मंदिर परिसर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है। गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर कहते हैं। 

ज्योतिष के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि 19 जून की सुबह से 2 19 जून की सुबह से 20 जून की दोपहर 01:07 तक रहेगी। चूंकि द्वितिया तिथि का सूर्योदय 20 जून को होगा, इसलिए इसी दिन रथयात्रा की शुरूआत होगी।इस दिन प्रयोग सुबह 5:45 से दोपहर 1:07 तक रहेगा इस दिन त्रिपुष्कर योग सुबह 05:45 से दोपहर 01:07 तक रहेगा। इसके अलावा सुस्थिर और ध्रुव नाम के 2 शुभ योग दिन भर रहेंगे।

4 पवित्र धामों में से एक है जगन्नाथ मंदिर

आदि शंकराचार्य ने देश के 4 विशेष मंदिरों को चार धाम के नाम से प्रचारित किया। इनमें से पुरी का जगन्नाथ मंदिर भी एक है। जगन्नाथ का अर्थ है पूरी सृष्टि के स्वामी। ये भगवान श्रीकृष्ण का ही एक नाम है। उड़ीसा के पुरी में निकाली जाने वाली इस धार्मिक यात्रा को देखने के लिए लाखों भक्त यहां आते हैं और भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर स्वयं को धन्य समझते हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई चमत्कारी मान्यताएं है, जो इसे खास बनाती हैं।