आरती करते समय इन नियमो का ध्यान रखना जरूरी ,नहीं तो पूजा का नहीं मिलेगा फल

हिंदू घरो में रोज सुबह और शाम पूजा और आरती करने के नियम है।बिना इसके तो दिन की शुरुआत ही नहीं होती। इससे घर में सुख शांति और बरकत आती है लेकिन कुछ लोगों को आरती करने के सही तरीके नहीं पता होता है। जिसके चलते यह फलित नहीं होता आज हम आपको बताते हैं आरती करने का सही नियम।
दो बार नाभि पर एक बार मुख मंडल पर और 7 बार सभी अंगों पर उतारे
भगवान की आरती हमेशा एक ही स्थान पर खड़े होकर करनी चाहिए। आरती करते समय हमेशा थोड़ा झुक कर आरती करें। आरती को चार बार भगवान के चरणों में। दो बार नाभि पर एक बार मुख मंडल पर और 7 बार सभी अंगों पर उतारे। इस तरह 14 बार आरती को घुमाने से 14 भुवन से भगवान में समाए हैं। उन तक आप का प्रणाम पहुंचता है।
शास्त्रों में भगवान विष्णु द्वारा कहा गया है कि जो व्यक्ति घी के दीपक से आरती करता है
स्कंद पुराण में भी आरती के बारे में खास नियमों का जिक्र किया गया है। इस संबंध में स्कंद पुराण में जिक्र है कि यदि कोई व्यक्ति मंत्र नहीं जानता ,पूजा की संपूर्ण विधि नहीं जानता लेकिन भगवान की आरती में पूजा में श्रद्धा पूर्वक शामिल होकर आरती करता है तो उसकी पूजा स्वीकार हो जाती है। शास्त्रों में भगवान विष्णु द्वारा कहा गया है कि जो व्यक्ति घी के दीपक से आरती करता है उसे कोटि कल्पों तक लोक स्थान प्राप्त होता है। कपूर की आरती करने पर व्यक्ति को अनंत में बरते।