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ज्येष्ठ माह में देवताओं की पूजा का है बहुत महत्व ,श्री राम का हनुमान जी से मिलन और शनि जयंती बनाती है खास

 

जेष्ठ मास हिंदी कैलेंडर का तीसरा महीना है जो कि 6 मई से शुरू हुआ है और 4 जून तक चलेगा। सूर्य के उत्तरायण के बाद ही पांचवा महीना होता है जोकि देवताओं के दिन का समय रहता है। ज्येष्ठ मास में ही शनिदेव का जन्म हुआ था। इस महीने में हनुमान जी श्री राम से पहली बार मिले थे  इसलिए यह बजरंगबली का बहुत प्रिय महीना है। इस महीने की अमावस्या पर शनिदेव का जन्म हुआ था। इस दिन शनि जयंती मनाते हैं जो कि इस बार 19 मई को रहेगी । 

इस महीने सूर्य और और मिथुन राशि में रहता है जिससे इन दिनों गर्मी का मौसम रहता है

आमतौर पर इस महीने सूर्य और और मिथुन राशि में रहता है जिससे इन दिनों गर्मी का मौसम रहता है।  इस हिंदी महीने के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में भी होता है। तब 9 दिनों तक तेज गर्मी रहती है इस काल को नौतपा कहते हैं। ज्येष्ठ  महीना देवताओं का दिन मकर सक्रांति पर सूर्य उत्तरायण होता है। उसके 5 महीने बाद उत्तरायण सूर्य का आखिरी समय आने उत्तर काल होता है जो कि ज्येष्ठ  महीने के समय रहता है। इस देवताओं का दिन माना जाता है इसलिए इन दिनों में किए गए दान और शुभ काम होगा इसका कई गुना फल मिलता है ।  

भगवान राम और हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई इसी महीने में हुई थी

 इस महीने में गर्भवती ग्रुप में सूर्य भगवान की पूजा करने से दरिद्रता और कई तरह के दोष दूर होते हैं। बीमारियां दूर होती है और उम्र भी बढ़ती है। हनुमान उपासना का महीना इस  ज्येष्ठ इस हिंदी महीने के स्वामी मंगल देव हैं। इसलिए इस महीने में हर  मंगलवार को बहुत खास माना जाता है जिसे बड़ा मंगल कहते है। हनुमान जी का प्रिय महीना होने से ज्येष्ठ मॉस में आने वाले मंगलवार को व्रत रखकर उसकी विशेष पूजा करने की परंपरा है। पुराणों  में इस बात का जिक्र है कि भगवान राम और हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई इसी महीने में हुई थी। वही तेलुगू कैलेंडर के मुताबिक इस महीने की कृष्ण पक्ष की दशमी पर हनुमान जयंती मनाई जाती है। शनि देव का जन्म पर्व ग्रंथों के मुताबिक ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को भगवान शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। जो कि इस बार 30 मई, सोमवार को है। इस पर्व पर न्याय के देवता शनि महाराज की पूजा करने से दोष दूर हो जाते हैं। जिन लोगों पर साढ़ेसाती और शनि की ढय्या है। उनके लिए ये दिन बहुत खास होता है। इस दिन शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करने पर परेशानियों से राहत मिलती है।