अगर महिलाओं ने गलती से भी कर लिया छह मुख वाले इन भगवान का दर्शन तो हो जाएगी बड़ी अनहोनी

भारत आस्था और मंदिरों का देश है। हर कदम कोई ना कोई मंदिर दिख जाता है। खास बात यह है कि हर एक मंदिरों को अपना एक खास इतिहास और मान्यता भी होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार में एक ऐसा अभी मंदिर मौजूद है। जहां भगवान बंद कमरे में रहते सिर्फ इतना ही नहीं और महिला भक्तों का भगवान की प्रतिमा के समक्ष जाना भी वर्जित है।
भगवान पर महिला भगवान की प्रतिमा के समक्ष चली गई तो उनका सुहाग उजड़ जाएगा
मानता है कि अगर कोई भगवान पर महिला भगवान की प्रतिमा के समक्ष चली गई तो उनका सुहाग उजड़ जाएगा। मंदिर के कार्य कर्ता 85 वर्षीय बिहारी लाल साहू ने बताया कि काली बाग मंदिर की नींव सन 1617 में बेतिया के राजा गज सिंह द्वारा रखी गई थी। 56 कोटि देवताओं का निवास स्थान यह है मंदिर कुल 13 एकड़ में फैला है। यह मंदिर मुख्य रूप से पांच भागों में बंटा है । पहले भाग में मां काली की प्रतिमा है जो दक्षिण दिशा की तरफ मुख विराजमान है और बिहारी लाल यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहां मां काली के साथ 11 भैरव विराजमान है। यहां नमक का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
दूसरे भाग में 64 योगिनी के साथ मां तारा के उग्र प्रतिमा और महाकाली विराजमान है। तीसरे भाग में वर्तमान विष्णु के दशावतार की प्रतिमाएं पंचगंगा और 56 कलाओं से सुशोभित विनायक गणेश विराजमान है। चौथे भाग में 11 रूद्र तथा तिल भंडेश्वर महादेव विराजमान है। अंतिम और पांचवें भाग में12 कलाओं से सुशोभित अभी भगवान सूर्यके नवग्रहों के साथ प्रतिमाएं विराजमान है।
शादीशुदा महिलाओं का जाना पूर्णत वर्जित है
नवग्रह मंदिर के पुजारीने बताया कि मंदिर के दक्षिण दिशा में भगवान श्याम कार्तिकेय की प्रतिमा मौजूद है जहां शादीशुदा महिलाओं का जाना पूर्णत वर्जित है चौंकाने वाली बात यह है कि यहां भगवान को मुख्य द्वार से भीतर कमरे में बंद रखा जाता है। मान्यता है कि यदि शादीशुदा महिलाओं ने अकेले जाकर भगवान करती की पूजा कर ली तो उनका सुहाग गुजर जाएगा। कार्यकर्ता बिहारी लाल ने बताया कि शिव पुराण के अनुसार छह मुख वाले भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा के समक्ष सुहागिन महिलाओं का जाना वर्जित है। दरअसल भगवान गणेश की शादी के बाद एक भगवान कार्तिकेय ने क्रोध में ऐसा निर्णय लिया था जिसके बाद यह मान्यता प्रचलन है इत्तिफाक से काली बाग मंदिर में भी 6 मुख वाले भगवान कार्तिकेय प्रतिमा मौजूद है।