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तुलसी का विवाह करने पर हो जाती है जातक की हर परेशानी खत्म ,यहां जाने इससे होने वाले लाभों के बारे में

 

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को धार्मिक दृष्टि से bhut  पवित्र माना गया है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी  तिथि में तुलसी का विवाह शालिग्राम से करने की परम्परा है। द्वादशी  तिथि को  प्रदोष काल में धूमधाम से तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से करवाया जाता है। मान्यता है कि जो लोग तुलसी विवाह करवाते हैं उनको कन्यादान का पुण्य मिलता है।  चलिए जानते हैं तुलसी विवाह करने पर कौन से लाभ प्राप्त होते हैं। 

तुलसी विवाह करवाने पर मिलते हैं यह लाभ 

तुलसी विवाह के दिन तुलसी का विवाह शालिग्राम से करवाया जाता है। इस विवाह में  जातक तुलसी को अपनी कन्या मानकर  विधिवत  तरीके से उसका  विवाह करवाता और कन्यादान करवाता है इससे जातक को कन्यादान का पुण्य फल मिलता है। 

पति-पत्नी के बीच बढ़ता है प्रेम 

मान्यता है कि तुलसी विवाह करवाने पर पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह बढ़ता है। इससे दाम्पत्य जीवन में खुशियां आती है और आपसी  मनमुटाव और दूरियों में कमी आती है इसलिए हर साल ढेर सारे लोग तुलसी विवाह संपन्न करवाते हैं। 

सुहागन स्त्रियों को मिलता है पुण्य फल 

तुलसी विवाह के समय तुलसी को विवाहित महिला की तरह लाल चुनरी ,लाल चूड़ियां ,बिंदी ,पायल ,लाल वस्त्र आदि भेंट  किए जाते हैं। मान्यता है की ऐसा करने से विवाहित स्त्रियों का सौभाग्य में वृद्धि होती है। 

जल्दी होता है विवाह 

कई बार बहुत से करने  के चलते कुछ लोगों में विवाह में देरी हो जाती है। ऐसे में घर में तुलसी का विवाह करना चाहिए जिस घर में तुलसी विवाह होता है। वहां विवाह योग्य के लोगों के विवाह के योग जल्दी बनते हैं। 

सुख समृद्धि और वैभव  की प्राप्ति 

कहते हैं तुलसी विवाह करवाने पर जातक को घर परिवार में सुख शांति के साथ सम्पन्नता  और वैभव की प्राप्त होती है जिस घर में तुलसी विवाह करवाया जाता है वहां कभी  दरिद्रता  नहीं आती हमेशा भगवान विष्णु की कृपा मिलती रहती है।