क्या तक्षक की वजह से कलयुग का आगमन हुआ था ,यहां जाना पुरानी मान्यता

तक्षक नाग के बारे में हर कोई जानता है तक्षक का जिक्र महाभारत ग्रंथ में भी है यह प्रजापति कश्यप की पत्नी कद्रू से उत्पन्न हुआ था जिन्होंने 1000 सर्पों को जन्म दिया था तक्षक नागराज वासुकी से छोटे सभी सर्पों में सबसे ज्यादा भयंकर था यह पाताल लोक के 8 प्रमुख नागो में से एक माना जाता है तक्षक को सर्प राज भी कहते हैं तक्षक भगवान शिव के गले में रहने वाले नागराज वासुकी का छोटे भाई हैं।
महाभारत काल में जब पांडवों के पुत्र परीक्षित राज कर रहे थे तक्षक ने उनको डसा था जिससे उनकी मौत हो गई थी राजा परीक्षित की मौत से गुस्साए उनके बेटे ने जनमेजय ने तक्षक समेत सभी विषैले सांपों को जलाकर भस्म करने वाला यज्ञ का आयोजन किया था कलयुग ने जब धरती पर पैर पसारे तो राजा परीक्षित में कलयुग में प्रवेश कर लिया और इससे राजा परीक्षित की बुद्धि भ्रष्ट हो गई एक रोज राजा जंगल में शिकार खेलने गए तो वहां उन्हें मौन अवस्था में बैठेशमीक नामके ऋषि दिखाई दिए परीक्षित ने उनसे बात करनी चाहिए और जवाब ना मिलने पर वह क्रोधित हो गए और उन्होंने एक मरा हुआ सांप ऋषि के गले में डाल दिया उसके बाद वे वहां से चले गए तो यह बात जब ऋषि के पुत्र शृंगी को पता चली तो उन्होंने श्राप दे दिया कि आज से 7 दिन बाद विषैला तक्षक नाग परीक्षित को डस लेगा और कोई उन्हें नहीं बचा पाएगा परीक्षित की तक्षक के डस जाने पर मौत हो गई और परीक्षित के बेटे जनमेजय ने सिंहासन संभाला।
ऋषि यों के बताए अनुसार जनमेजय ने अपने पिता की मौत का बदला लेने का फैसला किया हालांकि तक्षक को देवराज इंद्र का आश्रय प्राप्त था इसलिए जनमेजय ने उसे तब नहीं मार पाए फिर क्यों ने जन्मेजय के लिए एक विशेष यज्ञ शुरू किया जनमेजय ने कहा कि संसार भर के सर्प जल कर मेरे जो भी तक्षक के साथ हो तो वह यहां भी खींचे चले हो जाए और भस्म हो जाए तब इंद्र भी तक्षक को छोड़कर भाग गए थे।