
तुलसी को सनातन धर्म में पूजनीय माना जाता है तुलसी कई औषधीय गुणों से भी बहुत होती है इसका जितना धार्मिक महत्व है उतना ही आयुर्वेद में भी महत्व है तुलसी को तोड़ने ,जल चढ़ाने और पूजा करने की भी कई नियम धार्मिक ग्रंथों में देखने को मिलते हैं शिव परिवार को छोड़कर लगभग हर हिंदू देवी देवता की पूजा में तुलसी का उपयोग होता है।
मान्यता है कि तुलसी माता लक्ष्मी का वास होता है भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है आज हम आपको बताते हैं कि तुलसी को तोड़ते समय समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
तुलसी में जल अर्पित करने से पहले साधक को किसी भी तरह का अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए तुलसी में सूर्योदय के समय जल अर्पित करना सर्वोत्तम माना जाता है।
इस बात का विशेष ध्यान दें कि तुलसी के पौधे में जरूरत से ज्यादा जल अर्पित नहीं करना चाहिए रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में पानी न डाले कहते हैं कि इस दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती है।
तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है से तुलसी के पत्ते तोड़ते समय हमेशा हाथ जोड़कर पहले उन्हें तुलसी के पत्तों को चाकू या नाखून की मदद से ना तोड़े।