
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार की रचना पर जोर देने के बजाय या मुख्य द्वार जितना मजबूत और सुंदर होगा इस बात पर जोर देने के बजाय इस बात का ध्यान रखें वास्तुकी गेट शास्त्र से संबंधित हो यह भवन का मुख्य अंग होने की वजह से एक प्रकार का मुखिया है वास्तु पद रचना के अनुसार गेट की स्थिति सही हो तो कहीं दोषों का निवारण खुद ही हो जाता है घर का मेन गेट साफ सुथरा होना चाहिए सुबह में गेट को साफ करना बहुत जरूरी होता है एक तरह से मुख ही समझना चाहिए इस प्रकार सभी लोग अपना मुंह साफ करते हैं उसी प्रकार द्वार को भी साफ रखें ऐसा करने से कभी भी आपके घर में धन की कमी नहीं होगी।
दरवाजे में टूट-फूट हो या दरवाजा आवाज कर रहा हो तो उसकी मरम्मत करा लें क्योंकि ऐसा प्राय देखा गया कि दरवाजा है तो बहुत अच्छा है लेकिन मेन गेट ठीक से नहीं खुलता है या उसके पल्ले लटककर जमीन से रगड़ने लगते हैं ऐसे घरो में नौकरी को लेकर दिक्कतें आती है और दरवाजे प्रमोशन होने में बाधा डालते हैं।
गेट के कब्जों की देख-रेख करनी चाहिए दरवाजे कब्जे से आवाज आ रही है तो कब्जे से गेट निकल जाता है तो ऐसे घरो में रोग आने लगते हैं यह भी ध्यान रखें कि उसी समय को मेन गेट खोलते समय दरवाजे दरवाजे में चर्चा आहट की आवाज ना आए यदि इन बातों का ध्यान रखा जाए तो घर में सुख समृद्धि और आरोग्यता का वास होता है और घर का घर के मुखिया को कभी कष्ट में नहीं आता।
घर का मुख्य द्वार कभी भी पतला नहीं होना चाहिए ऐसा होने से अर्थ भाव का सामना करना पड़ता है यदि गेट टेढ़ा मेढ़ा है तो अमंगलकारी होता है इस कारण दिमागी संतुलन भी बिगड़ सकता है यह पारिवारिक शांति को प्रभावित करता है।