
गुवाहाटी से करीब 10 किलोमीटर दूर नीलांचल पहाड़ी पर कामाख्या मंदिर जो 51 शक्तिपीठों में से एक है इस मंदिर में इस समय 'अंबुबाची मेला 'चल रहा है यह मेला 22 जून से 26 जून तक रहेगा इन दिनों मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।
26 तारीख को मंदिर की साफ-सफाई और देवी मां की विशेष पूजा के बाद ही भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोले जाएंगे यह मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित है देवी के शरीर त्यागने के बाद जब भगवान शिव देवी के वियोग में देवी के शरीर को लेकर तीनो लोक में घूम रहे थे तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से शरीर के टुकड़े कर दिए थे ऐसे में देवी के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे थे वहां वहां देवी के शक्तिपीठ स्थापित हो गया।
कामाख्या मंदिर क्षेत्र में देवी मां का योनि वाला हिस्सा गिरा इसी वजह से यहां देवी की योनि भाग की पूजा होती है कामाख्या मंदिर में हर साल लगभग 22 जून से 26 जून तक अंबुबाची उत्सव मनाया जाता है इस उत्सव के संबंध में मान्यता है कि देवी मां का मासिक धर्म रहता है इसी वजह से इन दिनों में यह मंदिर बंद रहता है।
देवी के शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर में तंत्र तंत्र की क्रिया काफी अधिक होती है इनकी वजह से ही यह मंदिर सबसे प्रसिद्ध है यहां देवी त्रिपुरा सुंदरी मतांगी और कमला के साथ ही अन्य देवी की मूर्तियां स्थापित हैं यहां एक योनि कुंड भी स्थित है जिस की परिक्रमा की जाती है यह आषाढ़ महीने में अंबुबाची मेला लगता है।