
पूजा -पाठ में धुप और दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है सुगंधित वातावरण के चलते पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा आती है धूपबत्ती और अगरबत्ती का उपयोग मांगलिक कार्यों और पूजा पाठ के दौरान होता है मगर अगरबत्ती जलाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए नहीं तो पितृ दोष लगता है जिससे आपकी लाइफ में कई तरह की परेशानियां आ सकती है
भारतीय परंपरा में बांस को नहीं जलाना चाहिए बांस को वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ माना जाता है यह उन्नति का प्रतीक है साथ ही बांस को वंश का भी प्रतीक माना जाता है अगर बांस को जलाया जाता है तो पितृ दोष लगता है और पारिवारिक वंश को नुकसान पहुंचता है और अगरबत्ती ज्यादा बांस की बनी होती है
अगर बांस को जलाया जाता है तो इसके जलने से खतरनाक टॉक्सिन वातावरण में फैल जाते है यदि बांस की लकड़ी पर कई तरह के केमिकल की परते लगाई गई है तो अगरबत्ती को जलाना और भी नुकसान दायक होता है
अगरबत्ती के ऑप्शन पर धुप या फिर धुप बत्ती का उपयोग किया जा सकता है इन्हें गाय के गोबर या अन्य ज्वलशील पदार्थों में लगाया जाता है इसमें बांस की तीलियां नहीं होती है कई लोगों को अगरबत्ती की खुशबु बिलकुल पसंद नहीं होती है और अगर गलती से अगरबत्ती जला भी ले तो सांस लेने में परेशानी होने लग जाती है इसलिए अगरबत्ती जलाने से बचना चाहिए