
आषाढ़ महीने की अमावस्या 30 जून दिन बुधवार को है इस दिन पितृ दोष को मुक्ति से उपाय किए जा सकते हैं अमावस्या तिथि का प्रारंभ 28 जून को सुबह 5:52 से शुरू होगा और 29 जून को सुबह 8:30 बजे खत्म हो जाएगी सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि 29 जून को है इसलिए इस दिन ही अमावस्या मनाई जाएगी।
इस अवसर पर पवित्र नदी और सरोवर में स्नान करने उसके पश्चात दान करने की परंपरा है ज्योतिष के अनुसार पितृदोष के कारण संतान वृद्धि और परिवार की तरक्की में बाधाएं आती है पितरों की आत्मा तृप्त नहीं होती ऐसे में वो परिवार वालो को ही परेशान करती है कई बार पितृ आत्माओ के श्राप की वजह से वंश में वृद्धि नहीं होती संतान का सुख वर्तमान पीढी को नहीं मिल पाता ऐसे में इसका एकमात्र उपाय होता है कि उन आत्माओं को तृप्त करना और पितृदोष से मुक्ति प्राप्त करना।
अमावस्या के दिन स्नान के बाद पितरों को जल का तर्पण किया जाता है एक पात्र में जल ,अक्षत और काला तिल लेकर उससे तर्पण करते हैं ताकि पितरों की आत्मा तृप्त हो सके यदि आप को अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए पिंड दान करे पिंड दान करने से पित्तर प्र्शन्न होते हैं उनकी आत्मा तृप्त होती है और अपने परिवार और वंश की उन्नति के लिए आशीर्वाद देती है अमावस्या के अवसर पर पितृदोष से मुक्ति के लिए पितरों के निमित्त श्राद्ध करें उनके कारण होने वाले दुखो से आपको मुक्ति मिल सकती है अमावस्या के दिन पितरों को तृप्त से करने के लिए ब्राह्मण को भोजन भी कराएं दान दक्षिणा देकर विदा करें इससे पितृ शांत होते हैं ।