
गायत्री के मंत्र जाप करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है इनके ध्यान करने से हर काम संपन्न होते हैं इन्हे ज्ञान और शक्ति की देवी कहते हैं गायत्री चारों यादों की देवी मानी गई है हर कोई यह जानने को उत्शुक रहता है कि गायत्री माता की उत्तपति किस दिन हुयी है ऐसे में आज हम आपको बताते हैं गायत्री माता का अवतार कब हुआ।
मां गायत्री की उत्तपति ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को हुआ है और यही वजह के इस दिन गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है गायत्री माता का जाप करने से जीवन में सकारात्मकता आती है गायत्री जयंती के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप करने से ज्यादा फलदाई होता है शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को पूजा पाठ के लिए सबसे उचित माना गया है।
इसदिन माता गायत्री की तश्वीर पर फूल चढ़ाकर दो बत्ती जला कर आरती का पाठ करें इसके अलावा भोग लगाना ना भूलें पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए आपको बता दे की गायत्री मंत्र की जाप रुद्राक्ष की माला माता प्र्शन्न होती है ।
इस तरह से गायत्री माता की पूजा करने से जीवन में मंगल ही मंगल होता है 24 अक्षरों वाली इस मंत्र जाप में इतनी शक्ति होती हैकी जीवन में सभी बाधाएं दूर होती होती है इसको दिन में तीन बार करने से लाभ मिलता है।