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6 या 7 किस दिन होगा होलिका दहन ,यहां जाने भद्रा के बीच कितने समय का है होलिका दहन

 

इस साल होलिका दहन 6 या  7 मार्च के दरयिमानी  रात में होगा ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्णिमा तिथि इन दिनों  दिनों में रहेगी।  बनारस के काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 6-7 मार्च की दरमियानी रात 12:40 से 5:56 के बीच होलिका दहन होगा। मथुरा वृंदावन में 7 मार्च की शाम होली जलेगी लेकिन धुरेंडी यानी रंग खेलने का दिन पूरे देश में 8 मार्च ही होगा। मतलब देश की ज्यादातर राज्यों में होली जलने के 24 घंटे बाद ही रंग खेला जाएगा। 

अशुभ भद्रा काल  भी रहेगा

28 साल पहले 26 मार्च 1994 को ऐसा होता जब सिर्फ रात में ही कुछ घंटों के लिए होलिका दहन मुहूर्त था क्योंकि उस साल भी पूर्णिमा तिथि 2 दिन थी और सूर्यास्त के बाद शुरु होकर अगले दिन सूर्यास्त से पहले खत्म हो गई थी। हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होली जलती  है और अगले दिन रंग लगाकर त्यौहार मनाते हैं। लेकिन इस बार पूर्णिमा तिथि 2 दिन की है इसलिए कंफ्यूजन बना हुआ है साथ ही अशुभ भद्रा काल  भी रहेगा।  इसी कारण पंचांग में होलिका दहन है या तो किसी में 7 मार्च को बताया गया है। पूर्णिमा 6 मार्च की शाम तकरीबन 4:30 बजे से शुरू होगी और 7 की शाम लगातार  6.10तक रहेगी साथ ही भद्रा 6 मार्च की शाम करीब 4:18 से 7 मार्च की सुबह सूर्योदय तक रहेगी इसमें भद्रा का पक्ष काल 6 और 7 मार्च की  दरमियानी रात 12:40 से 2:00 बजे तक रहेगा। 

6 और 7 मार्च के बीच रात 12:40 से 2:20 के बीच करना शुभ रहेगा

होली की पूजा पूर्णिमा तिथि में सूर्यास्त के समय करने का विधान है इसलिए 6 मार्च की शाम गोधूलि बेला में ये शाम 6:24 से 6:48 के बीच ही होली का पूजा करना शुभ रहेगा। होलिका दहन 6 और 7 मार्च के बीच रात 12:40 से 2:20 के बीच करना शुभ रहेगा क्योंकि 7 मार्च की शाम को पूर्णिमा तिथि 6:10 तक ही रहेगी क्योंकि होलिका दहन सूर्यास्त के बाद किया  जाता है इस दिन पूर्णिमा सूर्यास्त से पहले ही खत्म हो जाएगी।