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आखिर ग्लैन मैक्सवेल के चोटिल होने के बाद भी उन्हें रनर क्यों नहीं दिया गया ,यहां जाने क्या है इसका कारण

 

ऑस्ट्रेलिया टीम ने स्टार ऑलराउंडरग्लैन मैक्सवेल के  201 रनों की नाबाद पारी  के दम पर अफगानिस्तान के जबड़े से जीत छीन ली और विश्व कप 2023 की सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। ग्लेन मैक्सवेल की ऐतिहासिक पारी उनके  लिए आसान नहीं थी। पारी के  दौरान उन्हें पैर से क्रेम्प की समस्या भी झेली साथ ही हैमस्ट्रिंग की गंभीर चोट के बावजूद भी उन्होंने टीम का साथ नहीं छोड़ा और लंगड़ाते हुए मैक्सवेल ने पूरा मैच अंत तक खेला  और अकेले के दम पर ऑस्ट्रेलिया को शानदार जीत दिलाई। 

एक समय 293 का पीछा करने उतरी कंगारू टीम 91 रनों पर साथ विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद अफगानिस्तान की झोली  में यह मैच  जाता हुआ  नजर आ रहा था। लेकिन  मैक्सवेल के बल्ले से निकली चमत्कारी  पारी  ने हर किसी को हैरान कर दिया। मैक्सवेल  ने  दोहरा शतक बनाया जरूर लेकिन दो बार उन्हें  मैदान पर दर्द से कराहते हुए देख फैंस भी काफी  भावविभोर हो गए। हर बार  अपने दर्द को सहते हुए मैक्सवेल में  बल्ला  उठाया और पारी  को जारी रखा। लेकिन इसी बीच हर किसी के मन में सवाल उठाकर क्यों  ग्लैन मैक्सवेल  को रनर नहीं दिया गया। 

आइये जानते है इसके पीछे की वजह 

दरअसल , क्रिकेट के खेल में बाउंड्री के जरिये रन बटोरने  से ज्यादा अहम्  दौड़कर सिग्नल्स लेना होता है। हवा में शॉट ना खेलते हुए और क्रीज  पर ज्यादा देर तक दते रहने के लिए सिंगल्स  लेते  हुए  बल्लेबाजों को देखा जाता है। लेकिन कई बार  क्रीज पर दो बेटर्स में से एक बल्लेबाज चोट लगने की वजह से रन लेने में असमर्थ हो जाता है। इस स्थिति को ध्यान में रखकर  रनर  का नियम लागू किया गया था। 

लॉ ऑफ क्रिकेट के रूल में 25 में रनर नियम के बारे में बताया गया था ,की  जब भी कोई बल्लेबाज घायल हुआ तो उसकी जगह रनर  उसी टीम का सदस्य होना चाहिए। रनर का इस्तेमाल तब किया जाता था जब रनर चोटिल  खिलाड़ी के लिए रन लेने के लिए दौड़ता था। आमतौर पर रनर खेल पर इस्तेमाल की जाने वाली पिच के  समांतर ,किसी दूर  के स्थान पर खड़ा होता है और नॉन स्ट्राइकर के साथ तालमेल बिठाकर रन दौड़ता था। 

लेकिन साल 2011 में आईसीसी ने काफी लंबे विचार के बाद रनर के नियम को खत्म कर दिया। उस  समय आईसीसी ने कहा था कि क्रिकेट के नियम नहीं बदले , लेकिन यह इंटरनेशनल खिलाड़ियों की खेल की स्थितियों में बदलाव किया गया है। कोई भी खिलाड़ी चोटिल होने के चलते दौड़ नहीं पा रहा है तो उसे रिटायर हर्ट होना पड़ेगा। इस वजह से इंग्लैंड में गले मैक्सवेल  कोचोटिल लेने के बावजूद  रनर  नहीं दिया गया। मैक्सवेल ने लंगड़ाते हुए 201 रन की नाबाद पारी खेली और फिर भी ऑस्ट्रेलियाई टीम अफगानिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच में तीन विकेट से जीत दिलाई।