अगर चलाते है इतने डिग्री AC तो हो जाये सावधान ,झुर्रिया ,और समय से पहले गहरे लेगा बुढ़ापा

गर्मी रोजाना बढ़ती जा रही है। मई-जून के महीने तक यही हाल रहता है इससे राहत पाने के लिए हम घर ऑफिस मॉल जैसी जगहों पर एयर कंडीशनर यानी AC में रहते हैं हर वक्त AC में रहना धूप में आकर AC के कोंटेक्ट में आना AC से सीधे धूप में जाना है यह सब हमें किस तरह से बीमार कर सकता है। इसके बारे में आज हम बात करेंगे जितना ज्यादा AC में रहेंगे उतना बुरा असर हेल्थ पर पड़ेगा । दरअसल AC में रहने से शरीर की नमी कम होने लगती है जिससे कई तरह की बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है।AC में रहने से कई तरह की बीमारियां हमें घेर लेती है जैसे सांस की परेशानी ,ऑक्सीजन की कमी ,आंखों में सूखापन ,डिहाइड्रेशन ,माइग्रेन ,एलर्जी ,स्किन प्रॉब्लम ,ब्लड प्रेशर ,हड्डियां कमजोर ,सिक बिल्डिंग सिंड्रोम।
इतनी सारी बीमारियों की वजह एसी कैसे हो सकता है
AC में रहने से रूम टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी यानी आद्रता में अचानक से बदलाव होता है। इससे सूखापन होता है। इससे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर पड़ता है। इस वजह से सांस लेने से रिलेटेड कई समस्याएं हो सकती है। जैसे नाक बंद होना ,बार बार छींक आना ,गला सूखना। अस्थमा पेशेंट को अधिक परेशानी हो सकती है। इस वजह से दूसरी भी कई दिक्कतें होती है जैसे आंखों में जलन सुखासन और धुंधला दिखाई देना ,शरीर का पानी सूख जाना , माइग्रेन और सिरदर्द।
एसी में देर तक रहने से घुटन सी होने लगती है ऐसा क्यों होता है
पूरा दिन AC चलने पर कमरे का दरवाजा -खिड़की बंद रहती है जिसे वेंटिलेशन सही से नहीं हो पाता है। ऐसे में दूषित हवा से हम सांस लेते रहते हैं। वह AC रूम की हवा मेरी साइकिल करता है। फ्रेश हवा में ऑक्सीजन के अलावा और भी कई कंपोनेंट होते हैं जिनके ना मिलने पर घुटन महसूस होती है। सिक बिल्डिंग सिंड्रोम होने की वजह भी यहीं है। इस सिंड्रोम में सूखी खांसी ,नाक से खून आना ,इन्फेक्शन ,उल्टी जैसी परेशानियां हो सकती है । कुल मिलाकर जब भी आपके शरीर को प्रॉपर वेंटिलेशन नहीं मिलेगा आपको कई तरह की प्रॉब्लम होगी । '
AC में रहने से जल्दी बुढ़ापे होने का क्या रिलेशन है?
ठंडी और ड्राई हवा में रहने से पसीना कम निकलता है और ऑयल ज्यादा निकलने लगता है।इससे मुंहासे ,समय से पहले झुरिया , और स्किन में जलन हो सकती है। तेज टेंपरेचर में रहने से स्किन के पोर्श तक बंद हो जाते हैं जिससे स्किन इंफेक्शन हो सकता है इसलिए हर समय AC में रहने वाले लोग समय से पहले बुड्ढे होने लगते हैं। इसलिए जानना जरूरी है कि गर्मी के अंदर ऐसी को किस तरीके से चला और कितने टेंपरेचर में चलाना चाहिए।
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी रिपोर्ट कहती है कि साइंटिफिक तौर से मानव शरीर के लिए 24 डिग्री का तापमान सही है। 24 डिग्री से कम तापमान सेहत के लिए सही नहीं है। एक्सपर्ट कहते हैं AC की हवा इतनी बुरी नहीं है लेकिन जैसे ही हम इसे 16 से 18 डिग्री पर करते हैं प्रॉब्लम होने लगती है। इसलिए दिन के मुकाबले रात के टेंपरेचर में कम से कम 2 से 3 डिग्री कम कर सकते हैं। एक बार AC चलाकर कमरा ठंडा कर लें और फिर थोड़ी देर बाद AC को बंद कर दे। पंखा और AC साथ चलाएंगे तो टेंपरेचर ज्यादा ही रखें । ।
AC का असर शरीर पर होगा कम तो यह उपाय करें
कोशिश की कम से कम AC का इस्तेमाल करें और कमरे में
नहाने से पहले रोजाना तेल से मालिश करें।
नाक में 2-2 बूंद घी या तेल डालें।
खाने में घी का इस्तेमाल करें।
खाने में पुदीने और सौंफ यूज करें।
एसी में रहना क्या जानलेवा भी हो सकता है?
जवाब: एयरकंडीशनर सीधे तौर पर जान के लिए खतरा नहीं है। लेकिन इससे लीक हुई जहरीली गैस जानलेवा हो सकती है। एसी का कंप्रेशर फटने की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है। इसलिए अलर्ट रहें।
अगर चलाते है इतने डिग्री AC तो हो जाये सावधान ,झुर्रिया ,और समय से पहले गहरे लेगा बुढ़ापा
एसी में कौन सी गैस होती है?
जवाब: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी बताते हैं अभी भारत में जिस गैस का ज्यादातर इस्तेमाल हो रहा है, वो हाइड्रो फ्लोरो कार्बन है।