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अगर गले चीज अटक कर बन गयी है जान का दुश्मन तो ऐसे करे प्राथमिक उपचार

 

जब घुटन होती है जब कोई चीज  गले में सांस नली में फंस जाती है जिससे हवा का प्रवाह रुक जाता है। आमतौर पर खाना खाते समय कोई टुकड़ा गले में फंस जाए तो ऐसा होता है।  छोटे बच्चे छोटे बच्चे अक्सर छोटी-छोटी चीजों को भी गला में फंसा लेते हैं। दम घुटना जीवन के लिए खतरा होता है। क्योंकि ब्रेन को ऑक्सीजन देना बंद कर देता है। अगर आपका या किसी अन्य का दम घुट रहा है तो जल्द से जल्द आपको फर्स्ट एड या  प्राथमिक उपचार करना चाहिए। 

दम घुटने के लक्षणों को तुरंत पहचाने 

घबराहट ,सदमा या भ्रम की स्थिति 
बात करने में इनेबिलिटी 
तनावपूर्ण ,शोर भरी  सांस लेना
 सांस लेने की कोशिश करते समय  चरमराने  की आवाज आना 
खांसी जो या तो कमजोर या  जोरदार हो सकती है। 
त्वचा, होंठ और नाखून जिनका रंग बदल जाता है और वे नीले या भूरे हो जाते हैं 
 होश खो  देना 

दम घुटने के लिए फर्स्ट एड 

एक दम  घुट रहे व्यक्ति  के ठीक पीछे खड़े हो जाएं। एक बच्चे के लिए पीछे घुटने टेके व्यक्ति के शरीर को सहारा देने के लिए अपना हाथ उसकी छाती पर रखें। व्यक्ति को कमर के बल जमीन की ओर जाएं। अपनी हथेली से व्यक्ति के कंधे के ब्लेड  के पीछे अलग-अलग वार  करें। अगर पीछे से मारने पर अटकी हुई चीज नहीं निकली है तो पेट पर जोर  लगाएं। जब तक अटकी हुई चीज बाहर नहीं आ जाती, ऐसा करते रहें। कुछ अटकने से अगर कोई बेहोश हुआ है तो उसका वायु मार्ग यानी साफ करने से ही वह होश में आ सकता है। इसके लिए व्यक्ति को उसकी  पीठ के बल लेटा  दे । और भुझाये बगल में रखें । 

अगर आप देख सकते हैं तो वस्तु को बाहर निकालने के लिए मुँह में ऊँगली डाले।  अगर आप वस्तु नहीं देख रहे हैं तो कभी भी उंगली से ना हिलाये इससे  परेशानी बढ़ सकती है अगर व्यक्ति फिर भी फिर भी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं तो सीपीआर  शुरू करें। 

वहीं अगर किसी बच्चे के कुछ और बच्चे ने अपने गले में कुछ छोटी चीज पर फंस जाती  है तो उसके लिए यह उपाय है। 


बैठ जाएं और शिशु  को अपने आर्म के नीचे की ओर मुंह करके पकड़े। अपनी बाँह को अपनी जांघ  टिकाये।  सिर को सहारा देने के लिए शिशु की ठुड्डी पकड़े  और जबड़े    को पकड़े । सिर को धड़ से नीचे रखें। शिशु को पीठ के नीचे बीच में 5 बार धीरे से लेकिनमजबूती  से थपथपाई। 
अगर बच्चा भी सांस नहीं ले रहा है तो उसे अपनेफोरआर्म पर घुमाएं।  अपने हाथों को अपनी जांघ पर टिकाए। शिशु के सिर को धड़ से नीचे रखें। अपनी उंगलियों से उसकी छाती पर 5 साल की लेकिन मजबूत दबाव दे। दो उंगलियों को निप्पल लाइन के ठीक नीचे रखे लगभग 11 बटा 2 इंच नीचे दबाव के बीच छाती के ऊपर उठने दे। अगर सांस लेना शुरू हो तो पेट दर्द और छाती को दबाये  अगर फिर भी साँस नहीं आ रही है तुरंत  मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करें।