
फैटी लीवर डिजीज ऐसी बीमारी है जिसमें लीवर की कोशिकाओं में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है यह बीमारी आज के समय में काफी आम हो चुकी है रिपोर्ट के अनुसार हर एक तीन में से एक इंसान में इस बीमारी के लक्षण होते हैं इस बीमारी की वजह से लीवर सही तरीके से काम नहीं करता और ऐसे में कई समस्याएं होने लगती है यह बीमारी केवल शराब का सेवन करते हैं उन लोगों को ही नहीं होती जबकि जो लोग शराब नहीं पीते है वो लोग भी इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
ब्रिटिश लीवर ट्रस्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव के अनुसार कई लोगों को यह तक पता नहीं है की इंसान का बढ़ता हुआ वजन भी फैटी लीवर के जोखिम को बढ़ाता है लीवर हार्ट की ही तरह महत्वपूर्ण ऑर्गन है लेकिन लोग इसे स्वस्थ रखने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं करते फैटी लीवर की कुछ मात्रा हर इंसान में होती है लेकिन जैसे-जैसे फैटी लीवर की मात्रा बढ़ती जाती है हाई ब्लड प्रेशर ,किडनी प्रॉब्लम्स और डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है शुरुआत में फैटी लीवर डिजीज की कोई लक्षण नजर नहीं आते लेकिन अगर इसे कंट्रोल ना किया जाए तो इसके गंभीर लक्षण भी सामने आ सकते हैं।
इसके बाद यह नॉन-अल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस या NASH नामक एक और गंभीर स्थिति में परिवर्तित हो सकती है जिसमें लीवर में काफी सूजन आ जाती है और जैसे-जैसे समय बीतता है सूजन ब्लड वेसल्स और लीवर दोनों को प्रभावित करने लगती है नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार अगर किसी को फैटी लीवर डिजीज की समस्या होती है उनमें कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं।
पेट के ऊपरी दाएं भाग यानी की पसलियों के नीचे दर्द हो सकता है ,अत्यधिक थकान हो सकती है ,जरूरत से ज्यादा वेट लॉस और कमजोरी हो सकती है लीवर को जब सालों से नुकसान पहुंच रहा हो तो वह सिरोसिस में बदल जाती है सिरोसिस की वजह से लीवर को जो नुकसान होता है उसे सही नहीं किया जा सकता ऐसी स्थिति के बाद भी कई लक्षण नजर आते हैं त्वचा का पीलापन ,आंखों का सफेद होना , खुजली , टखनों में सूजन ,पेट में सूजन आने लगती है अक्सर कई लोगों को नहीं पता होता है कि उन्हें फैटी लीवर डिजीज हो चुका है यह अक्सर ऐसे लोग होते हैं जो बाहर से पतले दिखते हैं लेकिन उनके लीवर पर फेट होता है उनके पेट के चारों ओर चर्बी जमी होती है और उन्हें थकान भी होने लगती है।