
पौराणिक काल में आज के जमाने के जैसे फ्रिज -कूलर नहीं हुआ करते थे फिर भी लोग काफी समय तक कई चीजों को स्टोर कर लेते थे पुरानी पद्धति ने ही आज नया रूप ले लिया है उस समय की पद्धति की कोई होड़ नहीं कर सकता उस समय चीजों में कोई मिलावट नहीं हुआ करती थी और हर चीज शुद्ध हुआ करती थी ऐसे में उस चीज को किसी प्रकार की हानि भी नहीं होती थी 21वीं सदी के लोगों ने काफी तरक्की कर ली यह सब विज्ञान की बदौलत हुआ है लेकिन अब तक यह तरक्की पुरानी तकनीक और तौर-तरीकों को आज भी मात नहीं दे सकी।
आधुनिक दौर में हर घर में खाने का सामान और सुरक्षित रखने के लिए फ्रिज का इस्तेमाल होता है वही पुराने समय में फल और सब्जियों को महीनों तक सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग होता था आज हम आपको बताते हैं कि पुराने जमाने में ऐसी कौन सी तकनीक थी जो चीजों को कई दिनों तक सुरक्षित रखती थी हाल ही में एक तकनीक सामने आई है यह तकनीक अफगानिस्तान की बताई जा रही है मिट्टी से निर्मित एक फ्रिज है जिसमें बर्फ नहीं जमती परन्तु खाने-पीने की चीजें और उसकी गुणवत्ता कभी खराब नहीं होती फ्रिज में कुछ ऐसी गैस होती है जो वातावरण को प्रदूषित करती है परंतु मिट्टी के फ्रिज में ऐसा कुछ नहीं होता इसे मिट्टी और भूसे की सहायता से बनाया गया है ये एक मिट्टी का बर्तन है जिसके अंदर फलों को रखकर मिट्टी से ही सील करके रख दिया जाता है जिसे लगभग 6 महीनों तक सुरक्षित रखते हैं और इतने दिनों बाद भी उसके स्वाद में कोई फर्क नहीं पड़ता है और ना ही उसके पौष्टिक तत्वों में कमी आती है।
ये अफगानिस्तान की सैकड़ों साल पुरानी कंगीना पद्धति है जो महीनों तक अंगूर को सुरक्षित रखने में सहायक साबित हुई है हाल ही में आई ए एस ऑफिसर सुशांत नंदा ने एक वीडियो शेयर करते हुए बताया की ये फलों को संरक्षित रखने का कितना शानदार तरीका है इसमें ना बिजली का प्रयोग होता है और ना ही वातावरण में कोई प्रदूषण होता है ये फ्रिज नहीं है बल्कि मिट्टी के बर्तनों में फलों के संरक्षण की कमाल की टेक्निक है जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे वीडियो में एक मिट्टी का बर्तन का पात्र दिखाया गया जो अफगानिस्तान की सैकड़ों साल पुरानी विरासत है इसका
इस्तेमाल करके फलों को सुरक्षित रखा जाता है।
Kanjna preservation technique from Afghanistan.Fruits can be preserved up to 6 months in airtight mud straw pots. Invented hundreds of years ago, see how grapes look after 6 months.
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) April 18, 2022
Interesting…
VC:Mohammed Futurewala pic.twitter.com/QZif5Umjhm
Kanjna preservation technique from Afghanistan.Fruits can be preserved up to 6 months in airtight mud straw pots. Invented hundreds of years ago, see how grapes look after 6 months.
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) April 18, 2022
Interesting…
VC:Mohammed Futurewala pic.twitter.com/QZif5Umjhm
इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि चारों तरफ से बंद मिट्टी से बने एक पात्र को जब तोड़ा गया तो उसमें अंगूर के ताजे फल निकले जो लगभग कुछ महीनों पहले इस में पैक करके रख दिए गए थे कोई तीज -त्यौहार के लिए फलों को रखा जाता है मिट्टी के पात्र में लगभग 5 महीने पहले और पारसी नववर्ष जो वसंत विषुव पर मनाया जाता है उसके लिए रखा जाता है अफगानिस्तान के खाद्य संरक्षण पद्धति का उपयोग फल और सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए विकसित किया गया इस पद्धति को सदियों पहले से अफगानिस्तान के ग्रामीण क्षेत्र कंगीना के रूप में जानते थे इस तकनीक के पीछे धारणा थी कि दूरदराज के समुदाय के लोग ज्यादा खर्चीली उपज का खर्चा नहीं उठा सकते हैं वह सिर्फ सर्दियों के मौसम में ताजे फलों का आनंद लेने में सक्षम है।