जब हर्षद मेहता घोटाले में हो गए थे बर्बाद ,सड़को पर बैग पर बेचकर ऐसे बनाई करोड़ो की कम्पनी

तुषार जैन जाने-माने कारोबार है। यह हाई स्पीड हाई स्पिरिट कमर्शियल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के सह संस्थापक और एमडी है। कंपनी बैगों की मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ उनका निर्यता करती है। कंपनी के ब्रांडो में प्रायोरिटी ,हैशटैग, हम्प्टी-डम्प्टी भी शामिल है। तुषार जैन का बैग इंडस्ट्री में 20 साल से ज्यादा का अनुभव है। हालाँकि तुषार सामने बहुत कठिनाइयों का सामना किया है। कभी हिम्मत नहीं हारी।
कभी उन्होंने पिता के साथ में मुंबई में सड़कों पर बेचे हैं
उनकी कंपनी आज हजारों लोगों को रोजगार देती है। कभी उन्होंने पिता के साथ में मुंबई में सड़कों पर बेचे हैं । साल था 1992 ,स्टॉक मार्केट में उछाल। बड़ी संख्या में लोगों ने हर्षद मेहता घोटाले में अपने पैसे गंवाए थे। इनमें एक नाम झारखंड के कारोबारी मूलचंद जैन का भी था । अपनी सारी जमा पूंजी गंवाने के बाद मूलचंद अपने बेटे तुषार जैन के साथ मुंबई की सड़कों पर बैग बेचने पर मजबूर हो गए थे। तुषार ने इस दौरान जमकर मेहनत की ।
2010 में वह हाई स्पिरिट कमर्शियल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की नींव रखने में कामयाब हुए। यह देश की जानी-मानी बैग बनाने वाली कंपनियों में शुमार है। कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। इसके साथ ही कंपनी के कई ऑफिस जो पूरे देश भर में फैले हैं। इनके जरिए इस ने अलग-अलग राज्यों में अपने पैर जमा रखे हैं। साल 2014 तक जैन कंपनी अपनी हर दिन 10000 से 20000 बैग बनाने लगी थी। रोजाना का टर्नओवर 90 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। इस कारोबारी सफलता के बाद तुषार ने साल 2017 में ट्रावर्ल्ड और हैशटैग ब्रांड लॉन्च किए। इनकी मदद से उनका व्यापार 250 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसके पहले 2006 में 2006 में तुषार ने प्रायोरिटी नाम से अपना पहला ब्रांड शुरू किया था। उन दिनों 300 से 400 अच्छी क्वालिटी उपलब्ध को अपनी सफलता की वजह बताते हैं।जैन ने कई उद्यमियों को प्रशिक्षित किया है, जो आज 50 करोड़ रुपये तक कमाने में सक्षम हैं।