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Weather Update: अब जुलाई में लौटेगा अल नीनो ,यहां जाने क्या होगा इस पर भारत में मौसम पर सफर

 

लगातार तीन  बार ला -नीना की दुर्लभ घटना  के बाद आगामी महीनो भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर के गर्म होने की संभावना बताई गई है जिसे‘एल नीनो' गतिविधि कहा जाता है। इसका संबंध उच्च वैश्विक तापमान से है। इसके कारण भारत में मानसून पर असर पड़ सकता है।  संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार ,अब अलनीनो के जुलाई के आखिर तक 60% और संवत अंबर के 80 प्रतिशत संभावना के साथ उभरने की भविष्यवाणी की गई है। 

1950 के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ है

डब्ल्यूएमओ के क्षेत्रीय जलवायु पूर्वानुमान सेवा प्रभाग के प्रमुख विल्फ्रान मौफौमा ओकिया ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, यह दुनिया भर में मौसम और जलवायु की प्रणाली को बदल देगा। इसके साथ ही अब तक के सबसे लंबी ला - नीना गतिविधि भी समाप्त हो जाएगी। वर्ष 1950 के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ है जब लग्न गतिविधि लगातार तीसरे साल देखी गई हो। 

भारत में कम बारिश के साथ जोड़ कर देखा जाता है

  ‘ला नीना' का अर्थ समुद्र की सतह के तापमान के सामान्य से अधिक ठंडा होने का चरण है। अल नीनो के कारण दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर की सतह के जल का ताप सामान्य से अधिक हो जाता है और इसे मॉनसून की हवाओं के कमजोर पड़ने तथा भारत में कम बारिश के साथ जोड़ कर देखा जाता है।