Video :पीएम मोदी ने 9 सालो में ऐसा किया इंफ्रास्टक्चर का काया कल्प ,सुरंगे और वन्दे भारत ट्रेनों के दी ये सौगात

भारत अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने को लेकर मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही हैं राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन के तहत भारत 2020 से 2025 तक 111 लाख करोड़ रुपये निवेश करने जा रहा है जिसके अंतर्गत ऊर्जा ,सड़क ,शहरी बुनियादी ढांचा ,रेलवे ,एयरपोर्ट जैसे सेक्टर का विकास किया जाएगा। केंद्र में मोदी सरकार ने 9 साल पूरे होने पर एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज लेकर आया है आज सीरीज के चौथे एपिसोड में देखिए मोदी सरकार ने बीते 9 साल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर कैसे काम किया है ।
कश्मीर घाटी व लद्दाख से जोड़ने वाली जोजिला सुरंग कश्मीर के सोनमर्ग में जोजिला सुरंग का ताप सर्दी के तापमान में विस्तृत आ रहा
राजनीतिक तौर पर अहम कश्मीर घाटी व लद्दाख से जोड़ने वाली जोजिला सुरंग कश्मीर के सोनमर्ग में जोजिला सुरंग का ताप सर्दी के तापमान में विस्तृत आ रहा। जोजिला सुरंग उन बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोडक्ट्स में से एक है जिनके जरिए नए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत का निर्माण कररहे हैं। जोजिला सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंग है। यह सात हजार करोड़ की लागत से बन रही है। 13 पॉइंट 14 किलोमीटर लंबी सुरंग हिमालय के विशाल जोजिला दर्रे से होकर गुजरती है। यह कश्मीर को लद्दाख में और कारगिल के जिले के द्रास कस्बे से जोड़ती है। इसमें चार पुल और चार सुरंगे हैं।
अब तक जोजिला सुरंग को 28 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है। इसमें 1 घंटे से ज्यादा की यात्रा को 20 मिनट की में खत्म हो जाएगी। यह सबसे खास बात है कि इस सुरंग से सेना के आने जाने में बहुत सारी सहूलियत मिलेगी। भारत में हर साल 10000 किलोमीटर हाईवे बन रहा है।
100 वंदे भारत ट्रेन शहरों के नजदीक ला रही है
100 वंदे भारत ट्रेन शहरों के नजदीक ला रही है। अगले 24 महीनों में दुनिया की सबसे बड़ी मेट्रो सिस्टम तैयार हो जाएगी।ढुलाई के लिए 6 नए कोरिडोर कारोबार के साथ यात्रियों के लिए भी सहूलियत लाएगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर से काम कर रहा है वैसा पहले कभी नहीं देखा 2024 से पहले देश के कोने-कोने को जोड़ती 100 वन्दे भारत ट्रेन ने भारत में निर्मित सेमी हाई स्पीड self-propelled ट्रेन है। यह आनी इन्हें लोकोमोटिव की जरूरत नहीं पड़ती 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली ये सबसे तेज रफ्तार ट्रेनें हैं।
सरकार के सामने एक चुनौती थी दुर्गम और नाज़ुक क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को ले जाना। दरकते हुए पहाड़ों पर सुरक्षित रास्ते कैसे बनाए जाएं? सरकार की एक अहम परियोजना थी 889 किलोमीटर की चारधाम परियोजना का निर्माण। जिससे श्रद्धालु भारत के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में बने गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक आसानी से पहुंच सके. इस परियोजना से यात्रा का समय 40 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।