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गाँव में रहकर ही पढ़ाई करके प्रथमराज ने किया आईआईटी में पुरे जिले में टॉप ,यहां जाने उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में

 

कहते हैं अगर पूरी शिद्दत से किसी चीज को करने की ठान ले तो सारी कायनात उसे आप को मिलाने में जुट जाती है और सफलता आपके हाथ लगती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सिवान जिले स्थित जुड़कन गांव के होनहार छात्र प्रथम राज ने। प्रथम ने  गांव से ही पढ़कर आईआईटी मैन की परीक्षा में ना सिर्फ सफलता पाई बल्कि 98 परसेंट मार्क्स लाकर जिले में सबसे अधिक अंक लाने वाले बन गए।  हम आपको प्रथम राज की सफलता के बारे में बताते हैं। 

DAV स्कूल से पढ़ाई कर 12वीं की पढ़ाई में भी जिला टॉप कर प्रदेश का नाम रोशन किया था

आज के समय में जहां मेधावी स्टूडेंट्स दिल्ली ,पटना ,कोटा जाकर कोचिंग के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं। इसके बावजूद सफलता नहीं मिलती है। वही प्रथम राज ने गांव में रहकर नियमितता के  साथ से आधे घंटे की पढ़ाई करके आईआईटी परीक्षा में एक बार नहीं बल्कि दो बार सफलता पाई है। सिवान कोर्ट में वकील और जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष पंकज सिंह और सरकारी स्कूल टीचर रेणुका सिंह के दबे बेटे  प्रथम राज बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। प्रथमराज सिवान की  DAV स्कूल से पढ़ाई कर 12वीं की पढ़ाई में भी जिला टॉप कर प्रदेश का नाम रोशन किया था । 

आप घर पर ही 7 से 8 घंटे पढ़ाई करके आईआईटी की कठिन परीक्षा को यूट्यूब से पढ़कर भी पास कर सकते हैं

12वीं की परीक्षा के दौरान ईआईआईटी की तैयारी करने वाले प्रथम राज ने अपनी मेहनत और लगन से पिछले 2022 में आईआईटी मैन के साथ आईआईटी एडवांस की परीक्षा पास कर सिवान जिले का नाम रोशन किया लेकिन आईआईटी में कंप्यूटर इंजीनियरिंग नहीं मिलने और खुद पर भरोसा होने के चलते मां पिता और परिवार की भारी दबाव के बावजूद आईआईटी में दाखिल नहीं किया। प्रथमराज ने अपनी सफलता को लेकर कहा की हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती ,लहरों से डरकर कभी पार नहीं होती ,आपको अपनी मेहनत और लगन पर भरोसा और पढाई को बेस मजबूत है तो कोटा , पटना ,दिल्ली जाकरदो से तीन लाख रुपए कोचिंग क्लास पर खर्च करने की जरूरत नहीं है।  आप घर पर ही 7 से 8 घंटे पढ़ाई करके आईआईटी की कठिन परीक्षा को यूट्यूब से पढ़कर भी पास कर सकते हैं। बस जरूरत है आप रेगुलर पढ़ाई करें और ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों का हल करते रहें क्योंकि आईआईटी जी सिर्फ दो ही बार चांस मिलता है आईआईटी की परीक्षा के लिए आपको 15 से 18 लाख  लोगों की चुनौती देनी होती है। 


आईएएस बनकर देश की करूंगा सेवा


प्रथम राज ने बताया कि अब मेरा लक्ष्य 4 जून को होने जा रही आईआईटी एडवांस की परीक्षा पास करके दिल्ली, कानपुर या वाराणसी मे  में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करना है. फिर आईएएस बनकर अपने पिता जी के नानाजी मास्टर दीना नाथ सिंह और सीवान जिले का नाम रौशन करना है।  मुझे देश बाहर विदेश जाकर नहीं, बल्कि अपने देश में ही रहकर काम करना है।