रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहकर की पढ़ाई ,आरा मशीन पर किया काम ,फिर भी आईएएस अफसर बनने का सपना किया पूरा

यूपीएससी परीक्षा पास करना और आईएएस अधिकारी बनना हर किसी का सपना होता है। हम उम्मीदवारों के संघर्ष और यूपीएससी की परीक्षा को पास करने और आईएएस अधिकारी बनने की उनकी इसमें से कठिनाइयों की कहानियां सुनाते रहते हैं। यहां हम अज ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बात करेंगे जिन्हें यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए सभी बाधाओं को पार किया है।
2 साल तक आरा चलाने वाले के रूप में काम किया
हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी शिव गुरु प्रभाकरण की किसान परिवार में जन्मे शिवगुरु के परिवार के हर मेंबर को खेतों में काम करना पड़ता था पर उसके पिता शराबी थे उनकी मां और बहन दिन में खेतों में काम करती रात में टोकरियाँ बनाती थी। शिवगुरु अपनी मां और बहन को दिन-रात काम करते देखते इसलिए उन्होंने अपनी शिक्षा छोड़ने का फैसला किया और एक आरा मिल संचालक के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा था कि मैंने 2 साल तक आरा चलाने वाले के रूप में काम किया थोड़ी-बहुत खेती भी की जो भी पैसे जुटा सकता था मैंने कुछ अपने परिवारों पर खर्च किया और कुछ अपनी पढ़ाई के लिए बचा लिया।
आईआईबीएम एडमिशन परीक्षा पास कर ली
मैं अपने सपनों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। हालांकि शिवगुरु ने कारखाने में काम शुरू किया लेकिन वह अपने सपने को नहीं भूले। शिवगुरु ने अपनी बहन की शादी के बाद फिर से पढ़ाई शुरू की और अपने भाई को शिक्षा दिलाने में मदद की। 2008 में, शिवगुरु ने वेल्लोर में थानथाई पेरियार गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। आईएएस अधिकारी शिवगुरु वीकेंड में पढ़ाई करते थे और सैंट थॉमस माउंट रेलवे के प्लेटफार्म पर ठहरते थे। सप्ताह के दौरान अपने कॉलेज के लिए जाते थे और अपने खाली समय पढ़ाई के लिए काम करना शुरु कर देते थे तमाम घटनाओं के बावजूद आईएस शिवगुरु प्रभाकरण अपने लक्ष्य पर फोकस करते रहें और सफलतापूर्वक आईआईबीएम एडमिशन परीक्षा पास कर ली। और 2014 में एमटेक पूरा किया है एमटेक पास करने के बाद आईएस शिव गुरु प्रभाकर ने यूपीएससी परीक्षा को पास करने के अपने सपने पर फोकस किया। शिवगुरु ने चौथे टाइम फॉर यूपीएससी की परीक्षा पास की और ऑल इंडिया रैंक हासिल की।