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दिल्ली में स्मॉग ढाने लगी कहर ,यहां जाने स्मॉग और कोहरा क्यों होते है अलग -अलग ,इस एक से पनपती है बीमारी

 

नवम्बर की शुरुआत दिल्ली एनसीआर में घने कोहरे नहीं बल्कि स्मोग  के साथ हुई है। पंजाब से लेकर उत्तर भारत तक यही  स्थिति है। हर ठंड आने के साथ देश का यह  इलाका स्मोग की मार भी झेलता  है। स्मोग  दरअसल खतरनाक और सांस की बीमारियों को भी न्यौता देता है।  इसका सीधा संबंध प्रदूषण से होता है।  मौसम बदलने के साथ ही  दिल्ली एनसीआर में एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिख रहा है।  सुबह भी कुछ शुरुआत अजीबोगरीब धुंध  के साथ होती है जो धूप निकलने नहीं देती बल्कि आसमान से लेकर जमीन तक जैसी घनी चादर फैलती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है।  दिल्ली एनसीआर में तो सुबह से सुबह के बाद और घनी होने लगती है दूर की चीजों की विजिबिलिटी पर ये असर डालती है  और वह सारी चीज इस चादर के पीछे छूट जाती है। यह धुंध  सर्दियों के कारण होने वाली प्राकृतिक  कोहरा नहीं बल्कि स्मोग  है। हर साल ठंड आते ही स्मोग शब्द से हमारा सामना होता है। 

जानिए कि क्या होती है स्मॉग

 स्मोग  शब्द का इस्तेमाल 20वीं सदी  की शुरुआत से हो रहा है। यह शब्द अंग्रेजी के दो शब्दों स्मोक और फॉग से मिलकर बना। आम तौर पर जब ठंडी हवा किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर पहुंचती है तभी स्मोक बनता है। ठंडी हवा भारी होती है इसलिए वह रिहायशी  इलाके की गर्म हवा के नीचे एक परत बना लेती है। तब ऐसा लगता है कि जैसे ठंड और ठंडी हवा ने पूरे शहर को कंबल की तरह लपेट लिया है।स्मोग  बनने का दूसरा बड़ा कारण है प्रदूषण।  आजकल हर बड़ा शहर वायु प्रदूषण से जूझ ही रहा है कहीं उद्योग  ,कहीं चिमनियां , दौड़ती गाड़ियों से निकलने वाला धुआँ तो कहीं चिमनी   ये सब  मिलकर हवा में बहुत सारा धुआँ छोड़ रहे हैं। 

यह प्रदूषित  गर्म हवा  हमेशा ऊपर  की और उठने  की कोशिश करती है और थोड़ी ही देर में वह किसी भी ढक्कन की तरह हो जाती है जिसमें कुछ ही समय में हवा की इन दोनों गर्म  और ठंडी परतो  के बीच हरकतें रुक जाती है। इसी खास उथल -पुथल के कारण स्मोग  बनता है।  यही कारण है कि गर्मियों के मुकाबले सर्दियों  के मौसम में ठंडी स्मोक ज्यादा आसानी से बनती है। 

 पंजाब में हर साल इस समय एक करोड़ 80 लाख टन भूसा खेतों में जला दिया जाता है।  लेकिन कानून जुर्म है। पंजाब सरकार ने इस तरह भूसा जलाने वालों  किसानों के लिए सजा भी तय कर रखी है।  पंजाब प्रदूषण नियंत्रण  बोर्ड के मुताबिक  हर साल किसानों को इसके लिए जागरूक भी किया जाता है। लेकिन इसका कोई खास असर नहीं होता है। लेकिन इस बार दिल्ली एनसीआर में स्मोग  की वजह पराली जलाने से ज्यादा इस इलाके  में  अपने प्रदूषण उत्सर्जन है जो निर्माण कार्यों से फैल रही जबरदस्त धूल ,वाहनों की धुआँ और चिमनियों की धुंआ  से ज्यादा पैदा हो रही है। 

फॉग  और स्मोग  में क्या अंतर है 

कोहरा यानी फॉग  और धुंध  स्मॉग/मिस्ट में अंतर है।  कोहरे के धुँए   के साथ मिलने पर धुंध यानी स्मोग क बनता है। साल 1905 में स्मोग  शब्द चलन में है जो अंग्रेजों से फॉग  और स्मोक से मिलकर बना है।   डॉ हेनरी एंटोनी वोयेक्स ने अपने पेपर में इसका जिक्र किया, जिसके बाद से ये टर्म कहा-सुना जाने लगा।