क्या एलोपेथी डॉक्टर्स और आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की सैलेरी होनी चाहिए एक समान ,सुप्रीम कोर्ट ने लिए ये फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा एलोपैथी डॉक्टरऔर आयुर्वेदिक डॉक्टर को एक समान काम करते हैं यह नहीं कहा जा सकता इसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि आयुर्वेदिक डॉक्टर और एलोपेथी के डॉक्टर को वेतन जैसा होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ एलोपैथी डॉक्टरों की तरह बराबर व्यवहार किया जाना चाहिए और समान वेतन का हकदार होना चाहिए।
आयुर्वेद चिकित्सक भी उसी तरह के व्यवहार के हकदार हैं
सुप्रीम कोर्ट 2012 के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले अपीलों के एक बैच की सुनवाई कर रही थी. जिसमें कहा गया था कि आयुर्वेद चिकित्सक भी उसी तरह के व्यवहार के हकदार हैं जैसा कि एमबीबीएस डिग्री वाले डॉक्टरों के साथ किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि है इससे अनजान नहीं हो सकता कि दोनों श्रेणी के डॉक्टर निश्चित रूप से समान वेतन के हकदार होने के लिए समान कार्य नहीं कर रहे हैं।
पोस्टमार्टम में आयुर्वेद के डॉक्टरों की जरूरत नहीं होती
कोर्ट ने कहा कि एलोपेथी के डॉक्टर जिस तरह से इमर्जेंसी ड्यूटी और ट्रॉमा केयर में कुशल होते हैं, वह काम को आयुर्वेद के डॉक्टर नहीं कर सकते। बेंच ने कहा कि आयुर्वेद के डॉक्टरों के लिए सर्जरी में मदद कर पाना संभव नहीं है। लेकिन एलोपेथी डॉक्टर्स यह काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम में आयुर्वेद के डॉक्टरों की जरूरत नहीं होती। शहर और कस्बों में जनरल हॉस्पिटल में ओपीडी में एमबीबीएस डॉक्टर सैकड़ों मरीजों को देखते हैं यह बात आयुर्वेद के डॉक्टरों के साथ नहीं है।