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महिलाओं के लिए होगी अब अलग से सीट आरक्षित ,यहां जाने क्या है इसका पूरा प्लान ,क्या 15 साल खत्म हो जायेगा ये प्लान

 

मोदी सरकार ने नए संसद भवन की पहली कार्यवाही मंगलवार को 'नारी शक्ति वंदन विधेयक'पारित करने के लिए पिछले 27 साल में मौजूद सरकार समेत 4 सरकारों की 11वीं कोशिश है।  हम आपको बताते हैं कि यह बिल कैसे पारित होगा।  महिला आरक्षण के लिए  पेश विधायक का नाम क्या है। 

महिला आरक्षण के लिए पेश  विधायक का नाम क्या है। 

महिला आरक्षण के लिए पेश विधायक का नाम '128 वां संविधान संशोधन विधेयक 2023 'है जिसे मोदी सरकार ने 'नारी शक्ति वंदन  विधेयक 'नाम दिया है। इस विधायक में कहा गया है कि लोकसभा सभी राज्यों की विधानसभा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के विधानसभा में' यथासंभव एक तिहाई सीटे '  महिलाओं के लिए आरक्षित होगी यानी अगर लोकसभा में 543 सीटे  हैं तो इनमें से 181 सीटे  महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।  इन सीटों पर सिर्फ महिला ही उम्मीदवार की चुनाव लड़ सकेंगी। 

हां क्या संसद में बिल पारित होने पर सभी राज्यों में विधानसभा में  लागू हो जाएगा। 

 इसका जवाब है ' हाँ'  हो जाएगा। लेकिन इसके लिए एक और प्रक्रिया से गुजरना होगा। क्योंकि यह संविधान संशोधन विधेयक इसलिए इसे पारित करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील  विराग गुप्ता के मुताबिक ,जो की विधानसभा सीटों में भी बदलाव होगा ऐसे में आधे से ज्यादा राज्यों की सहमति भी जरूरी होगी। अगर सभी राज्यों की विधानसभा प्रभावित हो रही है तो उसे राज्य की विधानसभा भी सरकार से मांग कर सिहती है कि हमारी सहमति भी ले लीजिये। 

क्या महिला आरक्षण हमेशा के लिए है। 

 लोकसभा और विधानसभा में यह कानून जब लागू है जिसके बाद 15 साल तक अमल में रहेगा उससे आगे रिजर्वेशन जारी रखने के लिए फिर से बिल लाना होगा। और मौजूदा प्रक्रियाओं के तहत उसे पास करना होगा। अगर 15 साल के बाद उसे समय की सरकार नया बिल नहीं लाती है तो ऐसे कानून अपने आप खत्म हो जाएगा। 

क्या महिला आरक्षण आगम में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू हो पाएगा। 

विधेयक में साफ तौर पर लिखा है कि महिलाओं के लिए एक  तिहाई रिजर्वेशन डिलिमिटेशन यानी परिसीमन  के बाद ही लागू होगा।  विधेयक के कानून बनने के बाद जो पहले  जनगणना होगी उसके आधार पर परिसीमन होगा।  एक्सपर्ट्स के मुताबिक ,2026 से पहले परिसीमन लगभग संभव है क्योंकि 2021 में होने वाली जनगणना कोरोना की वजह से अभी तक नहीं हो सकी है । विराग  गुप्ता के मुताबिक आगरा में पांच राज्य की विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा के चुनाव समय पर हुए तो इसमें महिला आरक्षण पारित होने के बावजूद लागू  नहीं हो सकेगा। 

कौन-सी सीटों को महिलाओं के लिए रिजर्व किया जाए, ये कैसे तय होगा?

इसके तीन  स्टेप्स होंगे।  पहले यह बिल पारित होगा। इसके बाद जनगणना और और फिर परिसीमन होगा। परिसीमन के बाद तय होगा की कौन सी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी। सीटों का चुनाव रेंडम हो सकता है या महिलाओं की जनसंख्या के आधार पर भी हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ,क्योंकि ज्यादातर सीटों पर महिला पुरुष का रेश्यो  लगभग बराबर होता है। इसलिए आरक्षित सीटे रेंडम करने की संभावना ज्यादा है। अगली बार की सीटों पर आरक्षण रोटेशन  के आधार पर होगा और हर परिसीमन  के बाद सीटे बदली जा सकेगी।