घर की आर्थिक स्थिति देख पढ़ाई छोड़ किया फैक्ट्री में काम ,इसके बाद फिर से पढ़ाई करके बने आईएएस ऑफिसर

आज के समय में बहुत से लोग भारत में देश की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे है। इस परीक्षा को क्रेक कर ऑफिसर का पद हासिल करने वालों का संघर्ष भरी कहानी आपने जरूर सुनी होगी इससे आपको भी प्रेरणा मिलती होगी। ऐसे ही एक आईएएस ऑफिसर की कहानी लेकर आज हम फिर से आए हैं जिन्होंने अपने जीवन में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद कड़ा संघर्ष किया और आखिर में आईएएस ऑफिसर का पद हासिल करने में सफल रहे हम बात कर रहे हैं एम शिवगुरु प्रभाकरन की जिनका जन्म में किसान परिवार में हुआ था उनके माता पिता ने परिवार का भरण पोषण करने के लिए वह सब कुछ किया जो कर सकते थे।
शिवगुरु ने 2008 में फिर से अपनी खुद की शिक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया
हालांकि शिवगुरु के पिता एक खराब आदत थी वह काफी ज्यादा शराब पिया करते थे और यही कारण था कि घर का गुजर-बसर करने के लिए परिवार के हर सदस्य के खेतों में काम करना पड़ता था। शिवगुरु के पिता की शराब पीने की समस्या के कारण उनकी मां और बहन दिन में खेतों में काम करती थी और रात में अपना भरण-पोषण करने के लिए टोकरियाँ बनाती थी। शिवगुरु ने अपनी मां और बहन दोनों को काम करता देख अपनी पढ़ाई को छोड़कर छोड़ने का फैसला किया और मिल चलाने का काम करने लगे। शिवगुरु बताते हैं कि मैं अपनी आकांक्षाओं को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था इसलिए अपने भाई की इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए भुगतान करने और अपनी बहन की शादी के बाद शिवगुरु ने 2008 में फिर से अपनी खुद की शिक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया जिसके बाद उन्होंने वेल्लोर के थंथई पेरियार गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए दाखिला किया।
ऑल इंडिया 101 रैंक हासिल करके आईएएस ऑफिसर बन गए
आपको बता दें कि यह मुश्किल था क्योंकि शिवगुरु सप्ताह के आखिर में पढ़ाई किया करते थे और सेंट थॉमस माउंट स्टेशन के ट्रेन प्लेटफार्म पर रात ही बितानी पड़ी थी वहीं उन्हें अपना गुजर-बसर के लिए पार्ट टाइम जॉब भी करनी पड़ती थी। प्रभाकरन का समर्पण और दृढ़ता ही थी, जिस कारण 2014 में उन्हें इसका फल मिला। उन्होंने एमटेक कोर्स को उच्चतम रैंक के साथ पूरा किया और आईआईटी मद्रास में एडमिशन लेने में सफल रहे। प्रभाकर ने आईआईटी पास करने और एमटेक पूरा करने के बाद आईएएस बनने के अपने सपने की ओर कदम बढ़ाने का फैसला किया है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपने चौथे प्रयास में सफल रहे और ऑल इंडिया 101 रैंक हासिल करके आईएएस ऑफिसर बन गए।